पीपल का वृक्ष औघड़ व नागाओं की रही शरणस्थली
जागरण संवाददाता, लालगंज (मीरजापुर): स्थानीय बापू उपरौध इंटर कालेज में प्रचीन पीपल का वृक्ष एवं भग
जागरण संवाददाता, लालगंज (मीरजापुर): स्थानीय बापू उपरौध इंटर कालेज में प्रचीन पीपल का वृक्ष एवं भगवान शंकर का मंदिर नागाओं और औघड़ों की शरणस्थली के रूप में प्रसिद्ध था। क्षेत्र के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी शिवमूर्ति दुबे ने 1953 में बापू उपरौध इंटर कालेज का स्थापना किया था। इस विद्यालय निर्माण के पूर्व भी यह पीपल का पेड़ राहगीरों के लिए शरण स्थली रहता था। दूर दराज से आकर औघड़ और नागा लंबे समय तक इसी पीपल वृक्ष के नीचे साधना करते थे।
यहां के बुजूर्गों के अनुसार चमत्कार की बात है कि एक महराज नीलकंठ यहां रहते थे जो कान से शंखनाद बजाया करते थे। इस तरह लालगंज के पीपल से बहुतेरी कहानी नागाओं और औघड़ों मंडली के चमत्कार से भरी है। सैकड़ों वर्षों पुराना पीपल का वृक्ष आज भी जस का तस खड़ा है। लालगंज बाजारवासी व आस पास गांवों के लोग वर्षो से शिव मंदिर व पीपल की नियमित पूजा करते आ रहे है। शनिवार को पीपल के जड़ के पास दर्जनों की संख्या में दीपक का लौ प्रकाशवान रहता है। प्राचीन काल में यहां पर कभी बस्ती नहीं थी। एकांत स्थल था जहां नागा व औघड़ लोग अपना बसेरा बनाते रहे। सैकड़ों की संख्या में महीनों पड़े रहते थे। उन्हें क्षेत्र से जो कुछ मिल जाता था खा लेते थे लेकिन किसी से कुछ लेते नहीं थे। वैसे भी क्षेत्र पिछड़ा जंगली था। यह स्थल नागाओं, संन्यासियों के लिए सुगम था। यहां तक की जैन संन्यासी भी यही रूकते थे और अब भी वर्ष में एक बार जैन मुनियों का यहां पर बसेरा रहता है और रूक कर अध्यात्मिक प्रवचन करते हैं।