तपती धूप में जाम में फंसे यात्री बेहाल
जासं, मीरजापुर: नगर के प्रवेश द्वार में शुक्रवार को इस कदर जाम लगा कि चिलचिलाती धूप में जाम में फ
जासं, मीरजापुर: नगर के प्रवेश द्वार में शुक्रवार को इस कदर जाम लगा कि चिलचिलाती धूप में जाम में फंसे यात्री व अन्य बिलबिला गए। बीच रास्ते में पानी आदि की कोई व्यवस्था न होने से यात्रियों की विशेषकर महिलाओं एवं बच्चों की हालत पतली हो गई। तेज धूप में फंसे लोग जिला प्रशासन को कोसते नजर आए।
¨वध्याचल में शुक्रवार को मां ¨वध्यवासिनी के दर्शन व मुंडन आदि की साइत है। इस वजह से दूर- दूर से श्रद्धालु अपने साधनों से मां के दरबार आ रहे हैं। इसलिए शास्त्री पुल पर वाहनों की ही कतार दिखाई दे रही है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ इसी मार्ग पर ही जाम है। शास्त्री सेतु से नगर से होकर ¨वध्याचल जाने का मार्ग तथा नटवां- जंगीरोड होकर ¨वध्याचल जाने वाला मार्ग भी अतिक्रमण की चपेट में है। जाम इतना भयंकर है कि बाइक तक नहीं निकल पा रही है। यातायात संचालन की व्यवस्था यह है कि होमगार्डों से काम लिया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है। ऐसा प्राय: होता रहता है लेकिन जाम की इन घटनाओं से जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। कोन विकास खंड के पुरजागीर से होकर आने वाला मांर्ग अभी भी निर्माणाधीन है। कई सालों से बन रहा यह फोर लेन मार्ग अभी भी पूरा नहीं हो सका है। इससे जाम की समस्या दिन प्रति दिन गंभीर होती जा रही है। नगर क्षेत्र से लेकर पक्का पुल तक वाहनों का जबरदस्त जाम लगा हुआ है। आज ¨वध्याचल में श्रद्धालुओं की भीड़ होने के कारण सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु अपने अपने वाहन से मां का दर्शन करने आए हुए हैं। चार पहिया वाहनों से बरतर व अमरावती चौराहा पटा पड़ा है। चिलचिलाती धूप में श्रद्धालुओं को जहां भीषण तपन से जूझना पड़ा है वही पैदल यात्रियों एवं दोपहिया वाहन वालों को भी जाम के कारण धूप में खड़ा होना पड़ा है। श्रद्धालुओं के लिए कहीं भी छांव की व्यवस्था नहीं है। होमगार्ड के सहारे यातायात को सुधारने की कोशिश की जा रही है।
पीपा पुल का भी लोड सड़कों पर ही
भटौली पीपा पुल व चुनार का पीपा पुल के टूटने के कारण उसका लोड भी इन सड़कों पर ही आ रहा है। कछवां एवं उधर के जो लोग पीपा पुल से होकर आवागमन करते थे वह अब औराई वाया शास्त्री पुल नगर अथवा ¨वध्याचल में प्रवेश कर पा रहे हैं। वाराणसी की तरफ से जो वाहन चुनार होकर आते थे। वह भी औराई होकर ही आ रहे हैं। इससे स्थिति और बदतर हो रही है।