विपत्ति का करें बंटवारा संपत्ति का नहीं : हेमंत
नर्मदेश्वर महादेव मंदिर टेडुआ परिसर में नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के सातवें दिन कथा वाचक आचार्य हेमंत उपाध्याय ने भरत चरित्र का विस्तृत वर्णन कर उपस्थित श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। कथावाचक ने भरत चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि भाई-भाई अगर बंटवारा करें तो विपत्ति का, संपत्ति का नहीं।
जागरण संवाददाता, नरायनपुर (मीरजापुर) : नर्मदेश्वर महादेव मंदिर टेडुआ परिसर में नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के सातवें दिन कथा वाचक आचार्य हेमंत उपाध्याय ने भरत चरित्र का विस्तृत वर्णन कर उपस्थित श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।
कथावाचक ने भरत चरित्र का वर्णन किया। कहा कि भाई-भाई अगर बंटवारा करें तो विपत्ति का, संपत्ति का नहीं। भरत ने कहा कि पिता ने आज्ञा दी है लेकिन होश में नहीं दिए। इतने पर भी आप लोग सावधान नहीं होंगे। हमें गद्दी पर बैठाएंगे तो उसी पल यह धरती पाताल मे चली जाएगी। यह गद्दी सामान्य व्यक्ति के लिए नहीं है।
व्यास जी ने कहा कि हानि, लाभ, जीवन, मरण, जस व अपजस विधि के हाथ में है। ये छह चीजें मनुष्य के हाथ में नहीं हैं। जब कोई उपाए न रह जाए तब परमात्मा की शरण में जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भरत चरित का श्रवण जो मनुष्य करता है वह सीताराम की चरणों में प्रेम पाता है। हारमोनियम पर सुशील शुक्ला, तबला पर हरिओम व की बोर्ड पर राजू (निर्भय) संगत कर रहे थे। आत्माराम गोस्वामी, लालचंद गिरी, कृष्ण कुमार त्रिपाठी, सुंदर सिह, रामसकल पांडेय, दीना नाथ त्रिपाठी, संजय, अशोक कुमार त्रिपाठी, दशमी, दिलीप, शिवकुमार आदि मौजूद थे।