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लक्ष्य से ज्यादा करेंगे धान खरीद, चौबीस घंटे दे रहें सुविधाएं

जनपद में धान खरीद की पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने के लिए इस बार धान की बोरियां भी क्रय केंद्रों पर ही भरी जा रही हैं। बिचौलियों का कोई हथकंडा काम नहीं कर पा रहा है और किसानों के खाते में रकम चंद घंटों में ट्रांसफर की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 05:36 PM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 11:20 PM (IST)
लक्ष्य से ज्यादा करेंगे धान खरीद, चौबीस घंटे दे रहें सुविधाएं
लक्ष्य से ज्यादा करेंगे धान खरीद, चौबीस घंटे दे रहें सुविधाएं

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जनपद में धान खरीद की पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने के लिए इस बार धान की बोरियां भी क्रय केंद्रों पर ही भरी जा रही हैं। बिचौलियों का कोई हथकंडा काम नहीं कर पा रहा है और किसानों के खाते में रकम चंद घंटों में ट्रांसफर की जा रही है। जनपद में कुल 122 क्रय केंद्रों पर धान खरीद की जा रही है और प्रति क्विटल 1815 रुपये किसानों को मिल रहा है। किसानों से ली जाने वाली 20 रुपये की धनराशि भी खरीद मूल्य के साथ उनके खाते में ट्रांसफर की जा रही है। इसी क्रम में अब तक 53 हजार 264 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। जो कि वर्तमान समय में अब तक की सबसे ज्यादा खरीद है। रविवार को दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम प्रश्न पहर में पहुंचे यूपी एडीएम (भू-राजस्व) व जिला खरीद अधिकारी यूपी सिंह ने कहा कि सभी केंद्र चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं और हम इस वर्ष भी दो लाख 60 मीट्रिक टन के लक्ष्य को पार कर जाएंगे। पेश है पाठकों के सवाल व जवाब के कुछ अंश..

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सवाल : बड़े किसानों से तो धान खरीद हो रही है, छोटे किसानों ने नहीं।

जवाब : ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। खरीद का आधार आनलाइन पंजीकरण है और जिन किसानों ने पंजीकरण कराया उनसे खरीद की जा रही है। लघु व सीमांत किसानों के लिए तो कई तरह की रियायत भी दी गई है। जैसे सौ क्विटल से कम बिक्री करने वाले किसानों को वेरिफिकेशन की भी आवश्यकता नहीं है।

सवाल : प्रति क्विटल किसान को कितना पैसा दिया जा रहा है।

जवाब : धान का समर्थन मूल्य और 20 रुपये शुल्क मिलाकर किसानों को प्रति क्विटल 1835 रुपये का भुगतान किया जा रहा है। इसमें किसानों को 1815 रुपये का शुद्ध लाभ है। पैसा किसानों के खाते में सीधे ट्रांसफर किया जा रहा है और इसमें देरी भी नहीं की जाती है।

सवाल : किसानों को अलग से बोरी खरीदनी पड़ती है, क्या सेंटर से बोरियां मिल सकती हैं

जवाब : सेंटर से बोरी देने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है क्योंकि पहले ज्यादातर बोरियां बिचौलिए उठा ले जाते थे। इस पर रोक लगाने व पारदर्शिता के लिए अब सेंटर से बोरी नहीं दी जाती। किसान अपनी व्यवस्था से धान सेंटर तक पहुचाएं, वहां पर सरकारी बोरियों में धान भराई हो जाएगी।

सवाल : धान खरीद पंजीकरण के नाम में त्रुटि हो गई है, कैसे ठीक होगा।

जवाब : इसके लिए आप संबंधित लेखपाल से संपर्क करिए, वे एसडीएम द्वारा इसे सही करा सकते हैं। एसडीएम के लाग इन से ही इसमें सुधार कराया जा सकता है।

सवाल : बाढ़ में नष्ट हुई फसल का बीमा कब तक मिलने की संभावना है।

जवाब : बाढ़ में नष्ट हुई फसल की अभी क्राप कटिग पूरी हुई है। जिन किसानों ने बीमा कराया है और उनका पैसा जमा हुआ है, उन्हें अगले 20 दिनों में बीमा की राशि मिलनी शुरू हो जाएगी।

सवाल : पहाड़ी ब्लाक के गोपालपुर में अवैध कब्जा किया जा रहा है।

जवाब : आपकी समस्या नोट कर ली गई है। राजस्व अधिकारियों द्वारा इसकी जांच कराकर निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।

सवाल : धान की खरीद कब तक की जाती है, क्या रात में भी खरीद होगी।

जवाब : धान खरीद के लिए सभी क्रय केंद्र चौबीसों घंटे खुले हैं। कोई भी किसान, किसी भी समय पहुंचकर धान बेच सकते हैं। अपनी सुविधानुसार समय तय किया जा सकता है।

सवाल : आंगनबाड़ी केंद्र के बगल में खुला धान क्रय केंद्र हटाया जाए।

जवाब : हलिया ब्लाक के खुटहां गांव की यह समस्या आप बता रहे हैं, इसकी जांच कराकर अन्यत्र हटाया जाएगा। यदि परेशानी हो रही है तो संबंधित ग्राम प्रधान के माध्यम से शिकायत कर सकते हैं।

सवाल : बिजली की समस्या है, खंभे भी नहीं लगाए गए हैं, कुछ सहायता करें।

जवाब : आपकी समस्या और लोकेशन नोट कर ली गई है। विद्युत निगम के अधिशासी अधिकारी से बात करके समस्या का निदान कराया जाएगा।

सवाल : नगर पालिका क्षेत्र की सड़क पर गड्ढे हैं, समस्या होती है।

जवाब : वार्ड सभासद के माध्यम से अपनी समस्या नगर पालिका अधिशासी अधिकारी को दें। वे प्रस्ताव बनाकर बोर्ड में इसे पास कराएंगे और सड़क का निर्माण हो जाएगा।

इन्होंने पूछे सवाल

डा. पुष्पेंद्र सिंह गहरवार गैपुरा, विनोद गिरी मड़िहान, विनोद सिंह, डगमगपुर, विकास कुमार लालगंज, धीरेंद्र सिंह खुटहां, भोलानाथ कुशवाहा अघवार, निखिल द्विवेदी जमालपुर, दिलीप चड़ियां, रघुनाथ हलिया, विनोद कुमार सिंह कलवारी, अरुण गिरी मड़िहान, संतोष कुमार पटेहरा


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