Move to Jagran APP

नोटिस के बाद भी तालाब से नहीं हटा अतिक्रमण

जागरण संवाददाता, कैलहट (मीरजापुर): कैलहट गांव में स्थित तालाब अतिक्रमण के चलते पटता जा रहा है। प्रशा

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 11:25 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 11:25 PM (IST)
नोटिस के बाद भी तालाब से नहीं हटा अतिक्रमण
नोटिस के बाद भी तालाब से नहीं हटा अतिक्रमण

जागरण संवाददाता, कैलहट (मीरजापुर): कैलहट गांव में स्थित तालाब अतिक्रमण के चलते पटता जा रहा है। प्रशासन की उदासीनता के चलते तालाब का अस्तित्व खतरे में पड़ चुका। तीन तरफ से आबादी से घिरे होने के कारण तालाब पर अतिक्रमण की समस्या गंभीर है। यह तीन बीघा एवं 13 बिस्वा में फैला है लेकिन अतिक्रमण के कारण वर्तमान में सिकुड़ कर लगभग सवा दो बीघे का रह गया है। यहां तक अतिक्रमणकारियों को सरकार की तरफ से दो बार नोटिस भी दी जा चुकी है। इसके बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया।

loksabha election banner

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद राज्य सरकार द्वारा तालाबों से अतिक्रमण हटाने के लिए शासनादेश जारी किया गया और अभियान भी चलाया गया। जिसके तहत तालाब की सम्पूर्ण रकबे की नापी भी कराई गई है। परंतु प्रशासन के ढुलमुल व सुस्त रवैये से अभी तक अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया जा सका है।तालाब का पानी अत्यधिक दूषित व दुर्गंध ग्रामीण त्रस्त है और संक्रमण से बीमारियाँ फैलने की आशंका बनी हुई है। मालूम हो कि एक तो अतिक्रमण के चलते तालाब का दायरा सिकुड़ता जा रहा है वही किसी भी तरफ़ से पानी की आमद न होने से गर्मी के मौसम में तालाब में पानी काफी कम हो गया है। कई वर्षों से तालाब की सफाई न होने से उसमें फेंके गए कूडे़ करकट से पानी दूषित हो चुका है। वर्तमान समय में अतिक्रमणकारियों द्वारा तालाब के दक्षिणी छोर पर तेजी से अतिक्रमण किया जा रहा है। प्रशासन द्वारा तालाब पर अतिक्रमण कि अनदेखी पर गांव के लोगों में रोष व्याप्त है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि गुलाब ¨सह ने बताया कि अतिक्रमण हटाने हेतु दो बार उप जिलाधिकारी चुनार को पत्रक दिया जा चुका है, परंतु अभी तक कोई कारवाई होती नहीं दिख रही है। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटने के पश्चात तालाब को गहरा करा कर साफ पानी भरवाने और सुन्दरीकरण कराने का प्रस्ताव भेजा गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.