बारिश, बाढ़ की भेंट चढ़े दो तहसीलों में नौ सौ आशियाने
खतरे के निशान से उपर पहुंची गंगा के बाढ़ ने जब रौद्र रुप दिखाया तो गरीबों के आशियाने भराभरा कर गिरने लगे। इसके बाद तीन दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश ने रही-सही कसर पूरी कर दी और जिले भर में 1320 कच्चे मकान बारिश की भेंट चढ़ गए। शासन से तय मुआवजे की 3200 रुपये की राशि गरीबों का न तो आशियाना ही बना पाएगी और न ही उन्हें एक अदद छप्पर ही नसीब होगी।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : खतरे के निशान से उपर पहुंची गंगा के बाढ़ ने जब रौद्र रूप दिखाया तो गरीबों के आशियाने भरभरा कर गिरने लगे। इसके बाद तीन दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश ने रही-सही कसर पूरी कर दी। जिले भर में 1320 कच्चे मकान बारिश की भेंट चढ़ गए। शासन से तय मुआवजे की 3200 रुपये की राशि गरीबों का न तो आशियाना ही बना पाएगी और न ही उन्हें एक अदद छप्पर ही नसीब होगी।
सरकारी आंकड़ों की बात करें तो बारिश व बाढ़ से प्रभावित सदर तहसील व चुनार में सबसे ज्यादा कच्चे मकान जमींदोज हुए। चुनार में जहां पांच सौ मकान गिरे वहीं सदर तहसील में गरीबों के 377 आशियाने मिट्टी में मिल गए। लालगंज तहसील में 310 मकान व मड़िहान तहसील में 142 मकानों के गिरने का आंकड़ा जिला प्रशासन के पास है। हालांकि वास्तविकता इससे कहीं ज्यादा है और जिले भर में औसतन ढाई हजार कच्चे मकान, झोपड़ियां व पक्के मकान गिरे हैं। अपर जिलाधिकारी यूपी सिंह की मानें तो सभी पीड़ितों तक शासन की ओर से जारी राहत राशि जल्द पहुंचाई जाएगी, इसके लिए प्रशासन तेजी से काम कर रहा है। इसके लिए लेखपाल सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है।
कच्चा मकान धराशायी, गृहस्थी का सामान नष्ट
जासं, ड्रमंडगंज : हलिया थाना क्षेत्र के हलिया कस्बा निवासी नजमा बेगम का कच्चा मकान शुक्रवार की रात्रि में अचानक भरभरा कर गिर गया। इससे घर के अंदर रखा गृहस्थी का सामान दबकर नष्ट हो गया। मकान गिर जाने के कारण पीड़ितों को रहने के लिए दूसरे जगह पर शरण लेनी पड़ी। पीड़ित ने क्षेत्रीय लेखपाल को सूचना दे दी है। लेखपाल आनंद कुमार मिश्र ने बताया कि क्षति का आंकलन कर प्रशासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
शासन द्वारा जारी राहत राशि
क्षतिग्रस्त कच्चे मकान : 3200 रुपये
क्षतिग्रस्त पक्के मकान : 5200 रुपये
क्षतिग्रस्त झोपड़ी : 4100 रुपये
क्षतिग्रस्त गोशाला : 2100 रुपये