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साढ़े नौ हजार मामले निस्तारित, करोड़ों का मिला क्लेम

सर्वाेच्च न्यायालय व उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दीवानी न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। प्री लिटिगेशन लोक अदालत में एसबीआई बैंक आफ बड़ौदा बैंक आफ इंडिया आर्यावर्त बैंक इलाहाबाद बैंक पीएनबी के पंडाल सहित 37 अदालतों का गठन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 06:58 PM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 06:58 PM (IST)
साढ़े नौ हजार मामले निस्तारित, करोड़ों का मिला क्लेम
साढ़े नौ हजार मामले निस्तारित, करोड़ों का मिला क्लेम

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : सर्वाेच्च न्यायालय व उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दीवानी न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। प्री लिटिगेशन लोक अदालत में एसबीआई, बैंक आफ बड़ौदा, बैंक आफ इंडिया, आर्यावर्त बैंक, इलाहाबाद बैंक, पीएनबी के पंडाल सहित 37 अदालतों का गठन किया गया।

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लोक अदालत का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सिंह एवं सभी न्यायिक अधिकारियों ने संयुक्त रुप से सरस्वती प्रतिमा पर माला पहनाकर व दीप प्रज्जवलित कर किया। जनपद न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार सिंह ने 18 मोटर दुर्घटना प्रतिकर मामलों का निस्तारण किया। मृतक व घायल परिजनों को एक करोड़ 25 लाख का चेक दिलाकर राहत प्रदान की गई। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश भगवती प्रसाद सक्सेना ने पांच मोटर दुर्घटना व तीन अन्य मामले निस्तारित किए। विशेष न्यायाधीश एससीएसटी संजय हरि शुक्ला ने चार मामलों का सुलह-समझौता कराया। सत्र न्यायाधीश पाक्सो ज्ञानेंद्र राव ने छह मोटर दुर्घटनाओं का निस्तारण कराकर परिजनों को 39 लाख का चेक प्रदान किया। पंचम अपर जनपद न्यायाधीश अनिल कुमार यादव ने पांच व षष्टम अपर न्यायाधीश अच्छे लाल सरोज द्वारा एक मामले का निस्तारण किया गया। प्रधान न्यायाधीश प्रीति श्रीवास्तव ने दो पारिवारिक मामलों का निस्तारण किया। अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र मिश्र ने आठ मोटर दुर्घटना प्रतिकर मामले सुलझाए व परिजनों को 33 लाख का चेक वितरित कराया। सत्र न्यायाधीश एफटीसी यज्ञनेश चंद्र मिश्रा ने चार मामले सुलझाए व करीब 25 लाख का प्रतिकर दिलाया। लोक अदालत चेयरमैन चितामणि शुक्ल द्वारा 15 मामलों का निस्तारण समझौते के आधार पर किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट इंद्रजीत सिंह ने 1575 मुकदमों का निस्तारण किया। सिविल जज लवली जायसवाल ने 12 सक्सेसन वाद व दो ओएस वाद निस्तारित किए। प्रथम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा गंगवार ने 418 मुकदमों का निस्तारण किया। सिविल जज एफटीसी प्रतिभा ने 217 मुकदमे, पूर्णकालिक सचिव अमित कुमार यादव ने 544 मामले, सिविल जज मोना सिंह ने चार दीवानी वाद, सिविल जज चुनार अभिनव जैन ने एक दिवानी वाद, प्रथम अपर जज सुमित पराशर ने दो लघु आपराधिक वादों का निस्तारण किया। द्वितीय अपर सिविल जज राहुल ने एक दिवानी वाद व विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट बलराम पांडेय ने लघु आपराधिक मामले सुलझाए। इस दौरान तहसीलदार न्यायालयों ें 6863 वादों का निस्तारण, नगर पालिका परिषद द्वारा 5613 व चकबंदी विभाग ने 27 मामलों का निस्तारण किया। लोक अदालत में वरिष्ठ लिपिक दीपक श्रीवास्तव सहित अधिवक्ता बद्री विशाल व समस्त न्यायिक कर्मचारी मौजूद रहे।


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