दृढ़ इच्छाशक्ति से निधि बनीं अंतरराष्ट्रीय बेंच प्रेस पावर लिफ्टर
चुनार के पचेवरा गांव की पगडंडियों से निकल कर अपनी खेल प्रतिभा के बूते विदेश की धरती तक का सुनहरा सफर चुनाव में कार्यकर्ताओं की भूमिका अहमतय करने वाली गंवई बाला निधि ¨सह पटेल को यूं ही स्ट्रांग वुमेन नहीं कहा जाता।
जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) : चुनार के पचेवरा गांव की पगडंडियों से निकल कर अपनी खेल प्रतिभा के बूते विदेश की धरती तक का सुनहरा सफर तय करने वाली गंवई बाला निधि ¨सह पटेल को यूं ही स्ट्रांग वुमेन नहीं कहा जाता। शिवशंकरी धाम स्थित कमला नेहरू इंटर कालेज से सेवानिवृत्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पिता व गृहिणी मां की अभावों में पल रही पुत्री निधि पटेल की प्रतिभा को गांव के कोच कमलापति त्रिपाठी की पारखी नजर ने एक बार में ही परख लिया और उस पर कड़ी मेहनत करते हुए गांव में ही लोहे के राड में दोनों ओर पत्थर के गोल चाक डाल कर अभ्यास कराना प्रारंभ किया।
अपनी ²ढ़ इच्छाशक्ति की झलक इस अंतरराष्ट्रीय बेंच प्रेस पावर लिफ्टर ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही दिखा दी थी। 2009 में अपने खेल करियर का आगाज करने वाली निधि ने पूर्वांचल स्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता, फिर गाजियाबाद में हुए प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में भी उसे गोल्ड मेडल से नवाजा गया। एक बार जब उसके हौसलों को पंख लगे तो उसके हौसलों की उड़ान यहीं नहीं रुकी। 2010 में फिलीपींस में आयोजित पावर लि¨फ्टग प्रतियोगिता में इस प्रतिभावान खिलाड़ी ने सिल्वर मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया। एशिया की सबसे शक्तिशाली महिला का खिताब पा चुकी पोस्ट ग्रेजुएट निधि अपनी सफलताओं से जहां खुश है, वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर से कोई मदद न मिलने का मलाल भी उसे बराबर सालता रहता है। चुनार क्षेत्र की इस सफल महिला खिलाड़ी ने पावर लि¨फ्टग में देश और विदेश में मीरजापुर का नाम रोशन किया है। बेहद गरीब परिवार में पैदा हुई निधि को शुरू से ही एक सफल जिमनास्ट बनने की तमन्ना थी जो अभावों के बीच गांव में ही अपने सपने को पूरा करने की तैयारी करने लगी। आर्थिक तंगी के बीच संसाधनों के अभाव में निधि ने पत्थरों को अपना साथी बनाया और घर के एक छोटे से कमरे में कोच कमलाति त्रिपाठी की देखरेख में कड़ा अभ्यास करना शुरू किया। निधि ने अब तक एक दर्जन से अधिक कास्य एवं स्वर्ण पदक जीतकर पूरे विश्व में अपना लोहा मनवा चुकी है। इस तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब तक निधि ¨सह पटेल 10 स्वर्ण पदक, दो रजत पदक और दो कांस्य पदक पर कब्जा जमा चुकी हैं। कामनवेल्थ में निधि ने जीता सोना
अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में अपने नाम का डंका बजाने वाली मीरजापुर की निधि मेडल क्वीन व गोल्डेन गर्ल के नाम से मशहूर हो चुकी है। (दक्षिणी अफ्रीका के पाचेफस्ट्रम में) 10 से 17 सितंबर 2017 तक चले कामन वेल्थ पावरलि¨फ्टग चैंपियनशिप में भारत का शानदार प्रतिनिधित्व करते हुए निधि ने स्वर्ण पदक जीतकर विश्व पटल पर अपने देश, प्रदेश के साथ ही जनपद का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित किया था। आज देश भर की महिला खिलाड़ियों के लिए वह प्रेरणास्त्रोत बन चुकी हैं। इनसेट
निधि की उपलब्धियां
एशिया की सबसे शक्तिशाली महिला का खिताब जीतने के साथ कॉमनवेल्थ और एशियन पावर लि¨फ्टग चैंपियनशिप सहित अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर ढेरों पदक जीतकर उन्होंने देश के गौरव को बढ़ाया है।