देखरेख के अभाव में नवनिर्मित कृषि गोदाम हो रहा जर्जर
ब्लाक परिसर में नवनिर्मित कृषि गोदाम भवन में अधिकारी न बैठ पुराने जर्जर भवन में अधिकारी बैठते है। जिसके कारण किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और वे जानकारी के अभाव में वापस चले जाते है।
जागरण संवाददाता, राजगढ़ (मीरजापुर) : ब्लाक परिसर में नवनिर्मित कृषि गोदाम भवन में अधिकारी न बैठ पुराने जर्जर भवन में अधिकारी बैठते है। जिसके कारण किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और वे जानकारी के अभाव में वापस चले जाते है। किसानों का आरोप है कि गोदाम बरहों मास बंद रहता है। यहां पर कृषि अधिकारी कभी बैठते नहीं है। जिससे ब्लॉक में आने वाले किसान इधर-उधर भटकते रहते हैं और अधिकारियों से मुलाकात नहीं हो पाती है। वही नवनिर्मित भवन देखरेख के अभाव में खंडहर में तब्दील होती चली जा रही है।
किसान जगदीश सिंह, सुभाष सिंह, संदीप, श्यामू सिंह, जसवंत, राहुल, बाबूनंदन, रोहित सिंह व सुनील मौर्य ने बताया कि जब गोदाम बन गया है वहां पर पूरी सुविधा हो गई है फिर भी राजगढ़ ब्लॉक के किसी अधिकारी यहां पर नहीं बैठते हैं। जर्जर बिल्डिग में अधिकारी बैठते हैं, अगर किसानों को कोई भी सामान लेना चाहते हैं तो दो स्थानों पर जाना पड़ता है और जो किसान नहीं जान पाते हैं, इधर उधर भटकते भटकते घर चले जाते हैं। कृषि अधिकारियों का यह रवैया किसानों पर भारी पड़ रहा है। लगभग 6 वर्ष हो गए किसी गोदाम को बने हुए लेकिन अभी तक कृषि अधिकारी इस गोदाम पर बैठते ही नहीं है। इस गोदाम का उपयोग ना होने से बिल्डिग जर्जर हो रही है। कृषि सूचना तंत्र ग्रुप बनाया गया है और किसानों को जोड़कर उसी से ग्रुप के माध्यम से किसानों को किसी संबंधी सभी सूचनाओं का आदान प्रदान किया जाता है जिससे किसान को जानकारी हो जाती है। किसान प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि जब कृषि गोदाम बन गया है उसका उपयोग क्यों नहीं हो रहा है अधिकारी वहां बैठते क्यों नहीं है अगर एक ही जगह सारे कृषि अधिकारी मिल जाएंगे तो अलग-अलग बैठने का क्या मतलब है। गोदाम के चारों तरफ बड़े-बड़े घास उग गए हैं। इस संबंध में खंड विकास अधिकारी रामचंद्र राम ने बताया कि मुझे जानकारी नहीं है लेकिन कृषि गोदाम पर सचिव को बैठना चाहिए और वहीं से किसानों को खाद बीज उपलब्ध कराना चाहिए। इसकी जांच कराई जाएगी और नए भवन में अधिकारी बैठेंगे।