शिक्षा तकनीक में नवीन सिद्धांतों की आवश्यकता : प्रो. विनोद त्रिपाठी
बरकछा स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान संकाय तथा शिक्षा संकाय में दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ गुरुवार को हुआ। जीव विज्ञान एवं पशु विज्ञान में सहभागितापूर्ण शिक्षण विधियां पर आयोजित कार्यशाला के पहले दिन मुख्य अतिथि अंतर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षण केंद्र के निदेशक प्रो. विनोद कुमार त्रिपाठी ने शिक्षा में छात्र और शिक्षक की भूमिका और उसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने शिक्षा तकनीक में नवीन सिद्धांतों की आवश्यकता और उपयोगिता पर चर्चा की। शुभारंभ मालवीयजी की प्रतिमा पर माल्यर्पण दीप प्रज्वलन एवं विश्वविद्यालय कुलगीत के साथ हुई।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : बरकछा स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान संकाय तथा शिक्षा संकाय में दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ गुरुवार को हुआ। जीव विज्ञान एवं पशु विज्ञान में सहभागितापूर्ण शिक्षण विधियां पर आयोजित कार्यशाला के पहले दिन मुख्य अतिथि अंतर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षण केंद्र के निदेशक प्रो. विनोद कुमार त्रिपाठी ने शिक्षा में छात्र और शिक्षक की भूमिका और उसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने शिक्षा तकनीक में नवीन सिद्धांतों की आवश्यकता और उपयोगिता पर चर्चा की। शुभारंभ महामना पं मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यर्पण, दीप प्रज्वलन एवं विश्वविद्यालय कुलगीत के साथ हुई। विशिष्ट अतिथि प्रो. कुसुमाकर शर्मा पूर्व सह निदेशक कृषि शिक्षा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने शिक्षा के चार मूलभूत स्तम्भों शिक्षक, छात्र, पाठ्यक्रम एवं आधारभूत संरचना पर प्रकाश डाला। सनबीम पब्लिक स्कूल निदेशक सुरेश आहूजा ने छात्रों के अंदर शिक्षा के लिए एक ज्वलंत भाव और ग्राह्य क्षमता की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। जवाहर नवोदय विद्यालय के एससी सिंह ने शिक्षा की आवश्यकता और समाज निर्माण में इसकी भूमिका को •ाहिर किया। संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. उत्कर्ष कुमार त्रिपाठी ने किया। अगले सोपान में शिक्षा संकाय की प्रो़फेसर अंजलि बाजपेयी एवं प्रो. सीमा सिंह ने प्रतिभागियों के बीच अध्यापक शिक्षण और छात्र मनोविज्ञान के संबंधों को अपने वक्तव्य से दर्शाया। इन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के द्वारा संचालित इस मिशन की आवश्यकता और उपलब्धियों के बारे बताया।