राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण नहीं दे रहा सूचना, शिकायत
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत समय से सही सूचना नहीं दी जा रही बल्कि भ्रामक सूचनाएं देकर आवेदक को दिग्भ्रमित किया जा रहा है। इसकी शिकायत आरटीआइ कार्यकर्ता द्वारा कई स्तरों पर की गई है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत समय से सही सूचना नहीं दी जा रही बल्कि भ्रामक सूचनाएं देकर आवेदक को दिग्भ्रमित किया जा रहा है। इसकी शिकायत आरटीआइ कार्यकर्ता द्वारा कई स्तरों पर की गई है। साथ ही प्राधिकरण के तहत कार्य कर रही निर्माणदायी संस्था से को पत्र भेजकर वांछित सूचनाओं की मांग की गई है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से सड़क निर्माण से जुड़ी सूचनाएं आरटीआइ के तहत बिदुवार मांगी जिसके जवाब में कभी कार्यदायी संस्था तो कभी तीसरी पार्टी का नाम लेकर यह बताया जा रहा है कि यह सूचनाएं लोक क्रियाकलाप और व्यक्ति के एकांतता पर अनावश्यक अतिक्रमण है। जिससे यह स्पष्ट होता है कि इसका संबंध तीसरे पक्ष से है और नियमानुसार पांच दिवस में न तो तीसरे पक्ष को नोटिस दिया गया और न ही आवेदन को जानकारी दी गई। आरटीआइ कार्यकर्ता इरशाद अली ने बताया कि उन्होंने संबंधित अभियंताओं के नाम मांगे जिन्होंने कार्यों का निरीक्षण किया व भुगतानों को स्वीकृत किया। इसके जवाब में प्राधिकरण का तर्क है कि यह सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत लागू नहीं है। जबकि इसके खुलासे से किसी को व्यक्तिगत या शारीरिक कष्ट होना प्रतीत नहीं होता। वहीं सूचनाओं के एवज में डिमांड ड्राफ्ट की मांग की जा रही है जबकि अधिनियम में यह स्पष्ट है कि यदि 30 दिन के भीतर वांछित सूचना नहीं दी जाती तो इसके बाद कोई शुल्क नहीं मांगा जा सकता व पूरी जानकारी देनी होगी चाहे वह कितनी भी बड़ी हो।