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रोडवेज की अधिकतर बसें हुईं खटारा, पांच बसे होंगी नीलाम

आज के अत्याधुनिक दौर में भी परिवहन निगम आदमबाबा जमाने की बसों का संचालन कर रहा है। समय से इनकी मरम्मत न कराए जाने के चलते अधिकांश बसे खटारा हो चुकी है। न इनमें अच्छी सीटे है न ही पूरे शीशे मुकम्मल है। जिसके चलते रास्तेभर खड़खड़ाहट की आवाजे आती रहती है। जर्जर हो चुकी बसों के चलते इनके परिचालन में परेशानी आती है

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 07:16 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 11:28 PM (IST)
रोडवेज की अधिकतर बसें हुईं खटारा, पांच बसे होंगी नीलाम
रोडवेज की अधिकतर बसें हुईं खटारा, पांच बसे होंगी नीलाम

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : आज के अत्याधुनिक दौर में भी परिवहन निगम आदमबाबा जमाने की बसों का संचालन कर रहा है। समय से इनकी मरम्मत न कराए जाने के चलते अधिकांश बसें खटारा हो चुकी हैं। न इनमें अच्छी सीटें है और न ही पूरे शीशे मुकम्मल हैं। इसके चलते रास्तेभर खड़खड़ाहट की आवाजें आती रहती है। जर्जर हो चुकी बसों के चलते इनके परिचालन में परेशानी आती हैं। इसके साथ ही ये बसें अपनी मंजिल तक पहुंचने में भी अधिक समय लगाती हैं। बसों को खराब हो रही स्थिति को देखकर यात्री आज उसमें बैठने से कतराने लगा है। वह लक्जरी बसों में सफर करने का प्रयास करता है जिससे इसकी आमदनी में भी कमी आ रही है।

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परिवहन निगम के पास वर्तमान में कुल 69 बसें हैं। इसमें 58 निगम तथा 11 अनुबंधित की है। जिनका संचालन जनपद के मुख्य मार्गों मीरजापुर-रीवां, प्रयागराज, सोनभद्र, वाराणसी, जौनपुर, भदोही, औराई समेत कुछ लोकल स्थानों सीखड़, भटौली घाट, घोरावल समेत अन्य स्थानों पर किया जाता है। लेकिन इन बसों में बेहतर सुविधा उपलब्ध नहीं कराए जाने के चलते यात्री इनमें सफर करने से कतराने लगे हैं। इसका सीधा असर इसके अर्निंग पर पड़ रहा है। पहले जहां एक दिन में रोडवेज को 10 से 15 लाख रुपये की आमदनी होती थी वहीं अब यह घटकर छह से सात लाख रुपये के बीच आकर रह गया है। परिवहन निगम के घाटे में जाने का दूसरा मुख्य कारण उनके चालक ही हैं। यात्री बीच रास्ते में इन बसों को रोककर बैठना चाहता है तो चालक गाड़ी नहीं रोकते हैं और खाली गाड़ी ही लेकर चले आते हैं। इससे उसके परिचालन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इनसेट

खटारा हो चुकी पांच बसें होंगी नीलाम

वाराणसी, चुनारघाट, मड़िहान के परसौना समेत दो अन्य स्थानों पर चलने वाली पांच बसें खटारा हो चुकी है जिसके चलते इनको नीलाम किया जाएगा। नीलामी की प्रकिया पूरी कर ली गई है। नई बस्ते आते ही इनको नीलाम कर दिया जाएगा। परिवहन निगम की मानें तो 2008 से लेकर 2018 तक की बसें उनके पास है। इनसेट

रोडवेज पर आउट सोर्सिंग के चालक परिचालक हावी

परिवहन निगम की बसों के संचालन के लिए 137 चालक है और 165 परिचालक रखे गए है। इसमें 32 निगम व 105 संविदा पर चालक तैनात हैं। वहीं 35 निगम व 130 संविदा के परिचालक शामिल हैं।

इनसेट

रामपुरघाट के लिए चलाई जाएगी नई बस

रोडवेज छानबे क्षेत्र के रामपुर घाट के लिए नई बसें चलाने जा रहा है। इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जल्द ही बसें चलाएगी। वर्जन

रोडवेज की पांच बसें खराब हो गई। इनकी नीलामी के लिए प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई लेकिन अभी तक इसे मार्ग से हटाया नहीं गया। जब तक इनके स्थान पर नई बसें आएंगी जब तक इनको चलाया जाएगा जिससे यात्रियों को परेशानी न हो।

-एमपी सिंह सीनियर फोरमैन परिवहन निगम


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