राजगढ़ में टमाटर की अधिक पैदावार, नहीं दिख रहे खरीदार
क्षेत्र में टमाटर की पैदावार अधिक होने के बाद भी किसानों के माथे पर ¨चता की लकीरें साफ दिख रही है। क्योकि टमाटर के खरीदार नहीं दिख रहे है। हालांकि इस बार बाहरी जिले से व्यापारी क्षेत्र में नहीं आ रहे है। जिसके कारण उनकी मेहनत की कमाई आखों के सामने बर्बाद हो रही हैं।
जागरण संवाददाता, राजगढ़ (मीरजापुर) : क्षेत्र में टमाटर की पैदावार अधिक होने के बाद भी किसानों के माथे पर ¨चता की लकीरें साफ दिख रही है। क्योंकि टमाटर के खरीदार नहीं दिख रहे है। हालांकि इस बार बाहरी जिले से व्यापारी क्षेत्र में नहीं आ रहे है। जिसके कारण उनकी मेहनत की कमाई आखों के सामने बर्बाद हो रही हैं। मंडी में भी रुपये में दो किलो के भाव से बिक रही है। लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रहा है ऐसे में किसान खेतों में ही टमाटर को छोड़ दे रहे है जिससे वे सड़ जा रहे है। जबकि टमाटर उत्पादन में यह क्षेत्र पूर्वांचल के जिलों में अहम स्थान रखता है। इस क्षेत्र में लगभग 10 हजार हेक्टेयर भूमि में टमाटर की खेती किसान करते है। राजगढ़ क्षेत्र के तालर, हिनौता, करमा, सेमराबरहो, दरबान, खटखरिया, खोराडीह आदि गांवों में टमाटर उत्पादन में सर्वोपरि है। इस क्षेत्र की काली मिट्टी का टमाटर का कोई जोड़ नहीं है। सरसों ग्राम, सेमरी, इंदिरानगर आदि पहाड़ी क्षेत्रों में टमाटर की बहुत ज्यादा पैदावार होती है। इधर एक हफ्ते से टमाटर का भाव पानी की जगह जा रहा है। जिससे किसान टमाटर की दौड़ाई पेड़ों से नहीं कर रहे हैं लागत मूल्य नहीं निकल पा रहा है। राजगढ़ क्षेत्र का टमाटर जिले के अलावा सोनभद्र, भदोही, चंदौली, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, सुल्तानपुर, बेंगलुरु, कोलकाता, उड़ीसा के व्यापारी यहां पर आते हैं और यहां से सीधे टमाटर उठाकर लेकर चले जाते हैं लेकिन एक हफ्ते से ज्यादा समय बीत गया कोई व्यापारी टमाटर लेने नहीं आ रहा है।
-किसानों ने बयां की दर्द
दस बीघा टमाटर की खेती किया हैं लेकिन लागत अभी तक नहीं निकल पाई है। अब तक चालीस हजार रुपये खर्च हो चुके है लेकिन लगा हुआ दाम नहीं मिल पा रहा है।
किसान अजीत कुमार ¨सह, हिनौता। दस बीघा टमाटर लगाए हैं लेकिन इस वर्ष टमाटर का भाव ज्यादा नहीं गया और खेतों में टमाटर पड़ा हुआ है। मजदूरों को नहीं लगाया जा रहा है। मंडी में भी दाम इतना कम है कि पानी के भाव टमाटर जा रहा है।
किसान रितेश ¨सह, नदिहार राजगढ़। पांच बिघा खेत में टमाटर लगाया गया था और पैदावार भी अच्छी हुई लेकिन मंडी में भाव एक रुपये में दो किलो जा रहा है। जिसके कारण टमाटर की दौड़ाई नहीं निकल पा रही है, किसी तरह श्रमिकों को घर से पारिश्रमिक दिया जा रहा है।
किसान सलीम, राजगढ़।
इस वर्ष टमाटर में काफी घाटा हो गया मजदूरी लागत नहीं निकल पाई जिससे टमाटर खेतों में सड़ रहा है। खेतों में मजदूरों को नहीं लगाया जा रहा है मंडी में टमाटर 25 रुपये कैरेट भी नहीं मिल रहा है। अगर देखा जाए तो टमाटर की लागत भी नहीं मिल रहा है।
किसान सत्यनारायण, राजगढ़।
पानी के भाव बिक रहा है पशु भी टमाटर को नहीं पूछ रहे हैं जगह-जगह टमाटर खेतों में बिखरा हुआ है सरकार द्वारा किसानों को प्रोत्साहित नहीं किया जा रहा है। आय दोगुनी कैसे होगी।
भगवती प्रसाद, राजगढ़। पिछले वर्ष मड़िहान विधायक रमाशंकर ¨सह पटेल ने टमाटर की फैक्ट्री के लिए मटिहानी में जमीन का सर्वे किया था लेकिन अभी तक फैक्ट्री का कहीं भी अता पता नहीं चल रहा। सरकार किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। अगर यहां पर एक टमाटर की फैक्ट्री लगा दिया जाए तो किसानों को काफी राहत होगी और उनका वाजिब दाम भी मिलेगा।
किसान बबुंदर चौहान, राजगढ़।