घर लौटने वाले लोगों के लिए खेवनहार बनेगा मनरेगा
गैर प्रांतों से घर लौटने वाले लोगों के लिए इस बार भी मनरेगा खेवनहार बनेगा। गांवों में प्रवासियों को रोजगार मुहैया कराने की कवायद की जा रही है जिससे वापसी के बाद लोगों को आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़े।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : गैर प्रांतों से घर लौटने वाले लोगों के लिए इस बार भी मनरेगा खेवनहार बनेगा। गांवों में प्रवासियों को रोजगार मुहैया कराने की कवायद की जा रही है, जिससे वापसी के बाद लोगों को आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़े।
कोविड 19 के बढ़ते संक्रमण से बचाव के लिए गैर प्रांतों में काम करने वाले कामगार धीरे-धीरे घर लौटने लगे हैं। इन कामगारों को जिला प्रशासन मनरेगा के तहत काम देने की कवायद में जुटा गया है। जिन लोगों के पास मनरेगा जाबकार्ड है, उनको काम मुहैया कराया जाएगा। इसके साथ ही बिना जाबकार्डधारकों को प्राथमिकता पर जाबकार्ड बनवाकर काम मुहैया कराने की योजना है। डीसी मनरेगा मो. नफीस ने बताया कि वर्तमान समय में मनरेगा में लगभग एक लाख 86 हजार सक्रिय जाबकार्डधारक हैं, जिनको पहले से ही मनरेगा योजना के तहत कार्य मुहैया कराया जा रहा है। कोविड 19 के चलते आने वाले लोगों की सूची तैयार की जा रही है, इनको प्राथमिकता पर कार्य मुहैया कराया जाएगा। एक लाख 43 हजार लोगों को बीते वर्ष मिला काम
कोरोना काल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मनरेगा से हर प्रवासी को रोजगार देने की कवायद आरंभ की गई। मुख्यमंत्री द्वारा 15 जून तक निर्धारित एक लाख 40 हजार 417 काम का लक्ष्य मिला। डीसी मनरेगा मो. नफीस ने बताया कि तत्कालीन सीडीओ अविनाश सिंह के निर्देशन में जनपद में एक लाख 43 हजार 657 लोगों को 14 जून तक को काम देकर अर्थात लक्ष्य को 24 घंटे पहले ही पूरा कर लिया गया। प्रशासन ने जून माह में 193.79 प्रतिशत का लक्ष्य पूरा करने में भी सफलता अर्जित की थी।
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वर्जन--
वर्तमान समय में कोविड 19 के बढ़ते संक्रमण पर रोकथाम जरूरी है। साप्ताहिक लाकडाउन चल रहा है। शासन के दिशा- निर्देशों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। गांवों में गैर प्रांतों से प्रवासियों की आने की सूचना है। ऐसे लोगों को मनरेगा के तहत कार्य दिलाने की योजना है।
- श्रीलक्ष्मी वीएस, मुख्य विकास अधिकारी।