बाहर के 500 के बराबर मनरेगा का 200 रुपये, नहीं जाएंगे परदेस
मनरेगा योजना अंतर्गत चलाए जा रहे विकास कार्यों में प्रवासी श्रमिक भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। प्रवासियों ने बताया कि बाहर का पांच सौ और गांव का दो सौ रुपए बराबर है। अब बाहर नहीं जाएंगे मनरेगा योजना ही हमारा सहारा बनेगी।
जासं, लालगंज (मीरजापुर) : मनरेगा योजना अंतर्गत चलाए जा रहे विकास कार्यों में प्रवासी श्रमिक भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। प्रवासियों ने बताया कि बाहर का पांच सौ और गांव का दो सौ रुपए बराबर है। अब बाहर नहीं जाएंगे, मनरेगा योजना ही हमारा सहारा बनेगी।
लालगंज क्षेत्र के विभिन्न गांवों में बाहर से आने के बाद प्रवासी श्रमिक अपने घरों में क्वारंटाइन थे। क्वारंटाइन से निकलने के बाद मनरेगा योजना के तहत कार्य कर रहे हैं। उनका कहना है कि यहां पर अपने बाल बच्चों और परिवार के साथ हैं। बाहर में दो सौ रुपए बचना मुश्किल हो जाता है। बाहर से अच्छा अपना गांव है, यहीं रहकर काम करेंगे। सरकार गांव में काम देती रहेगी तो हम लोग बाहर जाएंगे। कई प्रवासी श्रमिकों ने बताया कि सुनने में आया है सरकार बाहर से आने वाले श्रमिकों को पैसा देगी लेकिन हम लोगों का नाम सूची में नहीं मिल रहा है। बताया कि पड़री में मेडिकल चेकअप कराने के बाद घर आ गए थे लेकिन लिस्ट में नाम नहीं बोल रहा है। लेखपाल ने बताया कि जिसका लिस्ट में नाम होगा उन्हीं का आधारकार्ड व बैंक पासबुक जमा कराया जाएगा। प्रवासी श्रमिक रोहित, प्रभु, चंचल, रहीमदास, कबीरदास आदि ने बताया कि हम लोगों का लिस्ट में नाम नहीं है। जबकि पड़री में मेडिकल चेकअप करा चुके हैं। कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही मनरेगा योजना ही अब हमारा सहारा बनेगी।