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कमीशन के खेल में मिशन फेल, त्वरित योजना पांच महीने लेट

शासन की मंशा रही कि लोकसभा चुनाव अधिसूचना से पहले हर विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में कम से कम पांच करोड़ के विकास कार्य त्वरित गति से कराएं। इसमें मुख्य रुप से जिले के ग्रामीण क्षेत्र के उन संपर्क मार्गों को दुरुस्त करने की योजना है जिनकी वजह से स्थानीय जनता को दिक्कत होती है। लेकिन टेंडर में कमीशन का चक्कर ऐसा पड़ा कि जिले में यह योजना पांच महीने लेट हो गई। वहीं पूर्वांचल के कई जिलों में इस योजना के तहत कार्य हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Jun 2019 07:28 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2019 10:43 PM (IST)
कमीशन के खेल में मिशन फेल, त्वरित योजना पांच महीने लेट
कमीशन के खेल में मिशन फेल, त्वरित योजना पांच महीने लेट

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : शासन की मंशा रही कि लोकसभा चुनाव अधिसूचना से पहले हर विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में कम से कम पांच करोड़ के विकास कार्य त्वरित गति से कराएं। इसमें मुख्य रुप से जिले के ग्रामीण क्षेत्र के उन संपर्क मार्गों को दुरुस्त करने की योजना है जिनकी वजह से स्थानीय जनता को दिक्कत होती है। लेकिन टेंडर में कमीशन का चक्कर ऐसा पड़ा कि जिले में यह योजना पांच महीने लेट हो गई। वहीं पूर्वांचल के कई जिलों में इस योजना के तहत कार्य हो रहे हैं।

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जिले के पांचों विधानसभा क्षेत्र की ग्रामीण सड़कों को दुरुस्त कराने के लिए विधानसभा वार पांच-पांच करोड़ की धनराशि शासन द्वारा जारी की जा चुकी है। यह राशि लोकसभा चुनाव अधिसूचना से पहले ही जारी की गई थी और विधायकों के कहा गया था कि इसे शत-प्रतिशत अपने क्षेत्र में खर्च कर आवश्यक सड़कों को दुरुस्त कराएं। ताकि जनता के बीच शासन के काम की धमक पहुंचे।लेकिन मामला तब फंस गया जब विधायक अपने चहेतों को टेंडर के लिए दबाव बनाने लगे। इसी का नतीजा है कि टेंडर सूचना जारी होने, टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद अभी तक इसे क्लियर नहीं किया जा सका। जबकि हर विधानसभा में कम से कम दो दर्जन ग्रामीण सड़कें ऐसी हैं जो आने वाली बारिश में स्थानीय जनता के लिए मुसीबतों का पहाड़ खड़ा करेंगी। पर जन प्रतिनिधियों व उनके मातहतों के कमीशन का चक्कर शासन के मिशन को फेल करता दिख रहा है। अवर अभियंता के पास ताले की चाभी

ग्रामीण अभियंत्रण विभाग जिसके तहत यह टेंडर हुआ है, उसके एक अवर अभियंता के पास टेंडर की चाभी है। उक्त अभियंता पिछले 18 वर्षों से एक ही जगह जमे हुए हैं। शिकायतों पर उन्हें प्रयागराज ट्रांसफर किया गया लेकिन वहां से ही उन्हें मीरजापुर के लिए भी अटैच कर दिया गया है। अब भी वे जिले के टेंडर मैनेज कर रहे हैं। दूसरी तरफ विधायक भी लगातार अपनों को टेंडर जारी करने का दबाव बना रहे हैं जिसकी वजह से शासन की महत्वपूर्ण योजना समय की पटरी पर पांच महीने पिछड़ गई है।

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इस योजना के विधायक की संस्तुति पर ही सभी कार्य होने हैं। टेंडर हो चुका है, बांड आदि की कुछ आवश्यक प्रक्रिया है जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।

- सच्चिदानंद पांडेय, अधीक्षण अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग

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