विकास का नया अध्याय लिख रहा मीरजापुर का सौर ऊर्जा प्लांट : मोदी
कमलेश्वर शरण मीरजापुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीरजापुर में पेयजल योजना के तहत नौ वा
कमलेश्वर शरण, मीरजापुर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीरजापुर में पेयजल योजना के तहत नौ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का शुभारंभ वर्चुअल माध्यम से करते हुए कहा कि गांव, गरीब व आदिवासियों को जितनी प्राथमिकता सरकार ने दी, उतनी पहले नहीं दी गई। देश के बाकी गांवों की तरह यहां भी बिजली की बहुत बड़ी समस्या थी। आज यह क्षेत्र सौर ऊर्जा के क्षेत्र में दुनियाभर में अग्रणी बन चुका है। यह देश का अहम केंद्र है। मीरजापुर का सौर ऊर्जा प्लांट विकास का नया अध्याय लिख रहा है। अब अन्नदाता ऊर्जादाता भी बन सकता है। विध्य क्षेत्र के विकास के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि विध्य पर्वत का यह पूरा विस्तार पुरातन काल से ही विश्वास, पवित्रता व आस्था का केंद्र रहा है। रहीम दास ने भी कहा था कि जा पर बिपदा परत है, सो आवत यहि देस। विध्य क्षेत्र के अपार संसाधन व अपार संभावनाएं उनके इस विश्वास का कारण है। आजादी के बाद दशकों तक अगर उपेक्षा का शिकार कोई क्षेत्र हुआ है तो वह है विध्य क्षेत्र। इतनी नदियां होने के बावजूद इसकी पहचान सबसे अधिक सूखा प्रभावित क्षेत्रों से ही रही। इस वजह से अनेक लोगों को यहां से पलायन करने पर भी मजबूर होना पड़ा। पीएम ने कहा कि पेयजल परियोजना कोरोना संक्रमण के बावजूद विकास यात्रा को तेजी से आगे बढ़ते प्रदेश का एक उदाहरण है। पहले जो लोग यूपी के विषय में धारणाएं बनाते थे, अनुमान लगाते थे। आज जिस प्रकार से यूपी में एक के बाद एक योजनाएं लागू हो रही हैं उससे प्रदेश सरकार के साथ-साथ कर्मचारियों की छवि पूरी तरह बदल रही है। पढ़ाई के साथ-साथ कमाई की भी तलाशी जा रहीं संभावनाएं
प्रधानमंत्री ने कहा कि जनजातीय युवाओं के शिक्षा के लिए सैकड़ों नए एकलव्य माडल आवासीय स्कूल स्वीकृत किए गए हैं। इसमें हास्टल की भी सुविधा होगी। यह व्यवस्था हर आदिवासी बाहुल्य तक पहुंचाया जाएगा। पढ़ाई के साथ-साथ कमाई की भी संभावनाएं तराशी जा रही है। वन उपजों की ज्यादा कीमत आदिवासियों को मिले, इसके लिए 1250 वन दल केंद्र पूरे देश में खोले जा चुके हैं। कानूनी दस्तावेज से दूर होंगे घर और जमीन से जुड़े विवाद
पीएम मोदी ने कहा कि गांवों में विश्वास और विकास की कमी में एक बड़ी समस्या रही है। घर और जमीन से जुड़े विवाद। पीढ़ी दर पीढ़ी रहने के बाद भी गांव की जमीन का कानूनी कागजात न होना था। दशकों से लोग इस समस्या को झेलते आ रहे हैं। भाई-भाई के बीच झगड़ा हो जाता है। इस समस्या के समाधान के लिए स्वामित्व योजना के तहत ड्रोन टेक्नालाजी से घर व जमीन का नक्शा बनाया गया। इसके आधार पर घर और जमीन के कानूनी दस्तावेज भू-स्वामी को दिए जा रहे हैं। इससे वे कब्जे की आशंका से निश्चित होकर अपना जीवन व्यतीत कर सकेंगे। अब कानूनी दस्तावेज मिलने के बाद ऐसे लोग सारे संकट से दूर हो जाएंगे। जरूरत पड़ने पर घर के दस्तावेज के आधार पर बैंक से लोन भी ले सकेंगे।