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साइबर ठगों का देशभर में फैला मकड़ जाल, मोबाइल एप डाउन लोड कराकर जज सहित 39000 अधिकारियों का डाटा चोरी

साइबर ठग गैंग के लोग पहले अधिकारियों के सूची इकट्ठा करते हैं। इसमें आइएएस आइपीएस बीडीओ सीडीओ सीओ दारोगा आदि कर्मचारियों की अलग-अलग सूची बनाते हैं। साइबर ठगों का बहुत बड़ा गैंग है। फर्जी एप लोगों के मोबाइल पर लोड कराकर उनका पूरा डाटा इकट्ठा कर लेते हैं।

By Prashant Kumar YadavEdited By: Saurabh ChakravartyPublished: Thu, 17 Nov 2022 09:12 PM (IST)Updated: Thu, 17 Nov 2022 09:12 PM (IST)
साइबर ठगों का देशभर में फैला मकड़ जाल, मोबाइल एप डाउन लोड कराकर जज सहित 39000 अधिकारियों का डाटा चोरी
साइबर ठगी गैंग का मकड़जाल देशभर में फैल चुका है।

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : साइबर ठगी गैंग का मकड़जाल देशभर में फैल चुका है। गैंग के लोग यूपी, बिहार, झारखंड व पूणे के सेवानिवृत न्यायिक अधिकारी, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को टारगेट करते हैं। पहले उनकी सूची बनाते हैं और फिर पेंशन कर्मचारी बनकर उनके माेबाइल पर फोन कर उनकी पेंशन बंद होने की जानकारी देकर उसे चालू कराने के लिए कहते हैं। इसके बाद अपना बनाया फर्जी एप उनके मोबाइल पर लोड कराकर उनका पूरा डाटा इकट्ठा कर लेते हैं। उनकी मोबाइल नंबर पोर्ट कराकर उनके खाते से एक पल में सारे रुपये निकाल लेते हैं।

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इस बात का पर्दाफाश साइबर क्राइम की टीम द्वारा झारखंड से पकड़े गए साइबर ठग के एक गैंग से हुआ। इन साइबर अपराधियों ने अब तक सेवानिवृत व कार्यरत जज, पुलिस, प्रशासन सहित 39000 अधिकारियों का डाटा इकट्ठा करके उनके खाते से लगभग 25 करोड़ से अधिक रुपये निकाल चुके हैं।

मीरजापुर की साइबर क्राइम परिक्षेत्रीय टीम के प्रभारी श्याम बहादुर यादव ने पुलिस विभाग के सेवानिवृत दारोगा पूरमराम पुत्र स्व. बंधूराम निवासी जलालपुर चुनार के खाते से 26 अगस्त 2022 को निकाले गए 31 लाख 73 हजार 21 रुपये की छानबीन शुरू की। जांच में चौंकाने वाले तथ्य मिले। उन्होंने बताया कि झारखंड के एक साइबर गैंग ने दारोगा के खाते से ठगी करके लाखों रुपये निकाले हैं।

वर्तमान में उनके खाते में छह लाख रुपये बचे हैं जिसे उन्होंने फ्रीज करा दिया। इसके बाद छानबीन करते हुए आरोपितों तक पहुंचे। उन्होंने झारखंड के दो आरोपित मनीष कुमार शाह पुत्र उपेंद्र शाह निवासी हाजीपुर मीठा मिर्जा चौकी थाना साहबगंज जनपद साहबगंज व संताेष कुमार मंडल पुत्र उमाकांत निवासी कटवन जमुवा थाना मोहनपुर जिला देवधर को गिरफ्तार कर लिया।

इनके पास मिले लैपटाप की छानबीन की तो पाया कि यूपी, बिहार, झारखंड व पूणे के 39000 हजार कर्मचारी-अधिकारी व सेना के अधिकारियों के इन लोगों ने डाटा चोरी की है। इसमें न्यायिक अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, बीडीओ, पुलिस अधिकारी समेत अन्य कर्मचारी शामिल हैं। इनके खाते से इन लोगों ने अब तक 25 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं।

ऐसे करते हैं ठगी

साइबर ठग गैंग के लोग पहले अधिकारियों के सूची इकट्ठा करते हैं। इसमें आइएएस, आइपीएस, बीडीओ, सीडीओ, सीओ, दारोगा आदि कर्मचारियों की अलग-अलग सूची बनाते हैं। इसके बाद उनके मोबाइल नंबर पर फोन कर खुद को ट्रेजरी आफिस का कर्मचारी बताते हैं। कहते हैं कि उनका पेंशन बंद होने वाला है। उसे चालू रखना है तो अपना जीवित प्रमाण पत्र अपडेट करा लें।

अधिकारी व कर्मचारी इनके जाल में फंस जाते हैं तो आरोपित उनके मोबाइल पर स्क्रीन शेयर एप एनीडेस्क अपलोड कराकर उनके खाते से संबंधित सभी गोपनीय जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। इसके बाद खाते में रजिस्टर्ड माेबाइल नंबर को अपने नंबर से पोर्ट करा देते हैं। फिर अपने नंबर पर आए ओटीपी को डालकर उनके खाते से सारे रुपये निकाल लेते हैं।

अपनी शौक पूरा करने के लिए आरोपित करते हैं ठगी

उपनिरीक्षक चंद्रशेखर यादव ने बताया कि साइबर ठगी करने वाले आरोपित अपनी शौक पूरा करने के लिए अधिकारियों खाते से रुपये निकालते हैं। इस गैंग का जाल पूरे देश में फैला हुआ है। झारखंड में इसका हेड आफिस है। झारखंड में करीब 50 लाेग काम करते हैं। ये लोग खाते से रुपये निकालने के बाद जुआ खेलते हैं। महंगी गाड़ियां व मोबाइल खरीदते हैं। इसके साथ ही देश-विदेश की सैर करते हैं।

केस नंबर पर एक

सोनभद्र के नेशनल हेल्थ मिशन (एनाआरएचएम) के खाते से 2021 में साइबर ठगों के दूसरे गैंग ने उनका डाटा चोरी कर उनके खाते से 77 लाख 60 हजार रुपये निकाल लिए थे। इसमें पुलिस ने लगभग 15 लाख रुपये फ्रीज कराया गया था। जबकि अन्य रुपये इन लोगों ने खर्च कर दिया था। इसमें कुल 10 आरोपितों का नाम प्रकाश में आया था जिसमें आठ पकड़े गए थे।

केस नंबर दो

पुलिस विभाग के सेवानिवृत दारोगा पूरनराम को 26 अगस्त 2022 को फोन कर अपने को पेंशन कार्यालय का कर्मचारी बताकर उनके मोबाइल पर अपना फर्जी एप लोड कराकर उनका सारा डाटा ले लिया। इसके बाद उनके खाते से 31 लाख 73 हजार 21 रुपये निकाल लिए। पुलिस ने छानबीन की तो झारखंड के दो आरोपितों मनीष व संतोष का नाम प्रकाश में आया।

मोबाइल के माध्यम से उनका डाटा चोरी कर रुपये निकालने का काम करते हैं

साइबर ठगों का बहुत बड़ा गैंग है। ये अपनी जरूरतों के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों के मोबाइल के माध्यम से उनका डाटा चोरी कर रुपये निकालने का काम करते हैं। इसके बाद उन रुपयों से देश-विदेश घूमने के साथ ही जुआ खेलते हैं।

- श्याम बहादुर यादव, निरीक्षक साइबर क्राइम परिक्षेत्र विंध्याचल मंडल


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