मेडिकल लाइसेंस जारी करने में आधार रोकेगा फर्जीवाड़ा
दवा की दुकानों के लिए मेडिकल लाइसेंस जारी करने में आधार से अब फर्जीवाड़ा रुकेगा। इसके लिए खाद्य सुरक्षा व औषधि विभाग द्वारा दवा की दुकानों के साथ ही फार्मासिस्टों को यूआईडीएआई के माध्यम से आधार से ¨लक किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : दवा की दुकानों के लिए मेडिकल लाइसेंस जारी करने में आधार से अब फर्जीवाड़ा रुकेगा। इसके लिए खाद्य सुरक्षा व औषधि विभाग द्वारा दवा की दुकानों के साथ ही फार्मासिस्टों को यूआईडीएआई के माध्यम से आधार से ¨लक किया जा रहा है। दुकानदारों को आगामी 30 नवंबर तक सभी विवरण एफएसडीए पोर्टल पर पंजीयन कराकर लाइसेंस को आधार से ¨लक कराना होगा। इसके बाद विभाग अभियान चलाकर कार्रवाई शुरु की जाएगी।
सरकार द्वारा दवा की दुकानों का लाइसेंस जारी करने में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने और दुकानों में फार्मासिस्टों द्वारा ही दवा वितरण कराने की कवायद की जा रही है। इसके लिए औषधि विक्रय लाइसेंस जारी करने एवं रिटेशन फीस जमा करने की कार्रवाई विभाग द्वारा पेपरलेस व ऑनलाइन औषधि विक्रय लाइसेंस सिस्टम द्वारा किया जा रहा है। इसके तहत सभी फार्मासिस्टों और फुटकर औषधि विक्रय दुकानदारों को उनके आधार से जोड़ा जा रहा है। इसके बाद ही पंजीकृत फार्मासिस्ट फुटकर और थोक दोनों प्रकार की दुकानों पर काम कर सकता है। आनलाइन पंजीयन आधार के प्रयोग से दुकानों के आवंटन में बरती जाने वाली अनियमितता को भी पकड़ने में आसानी होगी साथ ही एक ही फार्मासिस्ट के कई दुकानों पर काम करने के फर्जीवाड़े पर भी अंकुश लगेगा। इसी प्रकार दवा की दुकानों का लाइसेंस निर्गत करने में भी चल रहे खेल को रोकने में आधार काफी कारगर साबित होगा। इसके लिए औषधि अनुज्ञापन एवं नियंत्रण प्राधिकारी एके जैन द्वारा आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन को दिशा निर्देशजारी किया जा चुका है।
वर्जन
दवा की दुकानों और दुकानों पर काम करने वाले फार्मासिस्टों को आधार से जोड़ा जाना है। सभी दवा दुकानदार और उसमें काम करने वाले फार्मासिस्टों को 30 नवंबर तक आधार से ¨लक कराए। अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- एके बंसल, औषधि निरीक्षक, जिला खाद्य सुरक्षा व औषधि निरीक्षक।