अब तक हो चुके कई नाव हादसे, 50 को गवानी पड़ी जान
प्रशांत यादव मीरजापुर ओवरलोड नाव संचालित होने के चलते जिले में इसके पहले भी कई बड़े
प्रशांत यादव, मीरजापुर : ओवरलोड नाव संचालित होने के चलते जिले में इसके पहले भी कई बड़े हादसे हो चुके हैं। बावजूद इसके न प्रशासन चेतता हैं न ही नाव संचालित करने वाले नाविक। जब कोई घटना घटती है तो प्रशासनिक अधिकारी कुछ दिन तक ऐसे लोगों के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई करने के बाद शांत बैठ जाते हैं। इसके बाद फिर से वहीं सिलसिला शुरू हो जाता है। इसका नतीजा रहता हैं कि कुछ दिन बाद फिर से हादसे हो जाते हैं।
देहात कोतवाली के नेवढि़या में एक परिवार के लोगों ने घर में पड़ी बेटे की शादी के दौरान बहु आने पर आरपार माला बांधने की मन्नत मानी थी। जून 2012 में बहु आने पर परिवार के लोग नाव से आरपार माला बांधने गए थे। नाविक उनको लेकर नेवढि़या घाट से चील्ह के बल्ली परवा तक माला बधवा रहा था। जैसे ही नाव बल्ली परवा घाट के पास पहुंची कि ओवरलोड होने के कारण पलट गई। इसके चलते उसपर सवार एक परिवार के तीन महिलाए सहित आठ लोगों की डूबकर मौत हो गई थीे जबकि दस लोग बचा लिए गए थे। इसी प्रकार पांच अगस्त 2014 को वाराणसी के बेटावर से चुनार गांगपुर घाट आते समय एक ओवरलोड नाव पलट जाने से 20 डूब गए थे। इस नाव पर कुल 34 सवार थे जो क्षमता से बहुत अधिक थे। इसमें से 14 लोगों को बचा लिया गया था। पहले दिन दो का शव बरामद कर लिया गया था, जबकि 18 लोग लापता हो गए थे। जो बाद में धीरे धीरे मिलते गए। इस हादसे में गांगपुर के आठ छात्र-छात्राएं थी। इसी प्रकार चील्ह के दलापट्टी घाट में 2016 के दौरान दलापट्टी से नारघाट छात्रों सहित अन्य लोगों को लेकर आते समय एक नाव दलापट्टी घाट पर ओवलोड होने के चलते पलट गई थी। नाव पर 20 से अधिक यात्री सवार थे। नाव पर सवार कुछ लोगों द्वारा सभी लोगों को बचा लिया गया था। इसमें सबसे अधिक छात्र थे। अगस्त 2020 में ही विध्याचल क्षेत्र में एक नाविक मछली मारने गंगा में गया था। अचानक आई आंधी तूफान के चलते वह गंगा में फंस गया और उसका पता नहीं चला। ओवरलोड वाहनों के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई करायी जाएगी। साथ ही जिनकी नाव जर्जर हैं उन्हें भी जब्त किया जाएगा।
- यूपी सिंह अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व