जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा में भारी चूक, प्रशासन लापरवाह
बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए जनपद में वर्तमान समय में लगभग 400 नाव है लेकिन तत्काल मदद के लिए अत्याधुनिक रेस्क्यू बोट महज दो ही है। इन दो रेस्क्यू बोट के भरोसे ही जनता को तत्काल मदद देने का दावा किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण के दौरान माननीयों की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। माननीयों की सुरक्षा में लापरवाही चिता का विषय है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए जनपद में वर्तमान समय में लगभग 400 नाव है, लेकिन तत्काल मदद के लिए अत्याधुनिक रेस्क्यू बोट महज दो ही है। इन दो रेस्क्यू बोट के भरोसे ही जनता को तत्काल मदद देने का दावा किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण के दौरान माननीयों की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। माननीयों की सुरक्षा में लापरवाही चिता का विषय है।
जनपद में वर्तमान समय में बाढ़ के दौरान जन प्रतिनिधि क्षेत्र भ्रमण कर आपदा का जायजा लेने के साथ ही जनता से रूबरू होते है, लेकिन जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा में जिला प्रशासन द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। शनिवार को पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्यमंत्री व वर्तमान सांसद अनुप्रिया पटेल के सीखड़़ में क्षेत्र भ्रमण के दौरान गिरने और वहीं दूसरी तरफ नगर विधायक रत्नाकर मिश्रा के भ्रमण के दौरान मोटर बोट का पेट्रोल खत्म होना जिला प्रशासन की नाकामी और लापरवाही को परिलक्षित करता है। वर्तमान समय में गंगा खतरे के निशान के उपर बह रही हैं, इस दौरान नगर विधायक को लाइफ जैकेट तक नहीं दी गई थी। बाढ़ के दौरान बोट आदि की व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी की होती है। बावजूद इसके जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा में भयंकर लापरवाही बरती जा रही है। अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत विध्याचल सिंह कुशवाहा ने बताया कि वर्तमान समय में 400 नाव और दो रेस्क्यू बोट है। वहीं तहसील सदर में 48 और चुनार में 50 लाइफ जैकेट हैं।
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लाइफ जैकेट - 98
नाव - 400
रेस्क्यू बोट - 02