मगरहा से रामगढ़ वाया सीखड़ मार्ग दुर्दशाग्रस्त
चुनार विधानसभा के वर्तमान विधायक अनुराग ¨सह के मगरहां गांव व पूर्व विधायक जगतंबा ¨सह के रामगढ़ कला गांवों को जोड़ने वाली सड़क की दुर्दशा का दंश क्षेत्र वासियों को झेलना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, सीखड़ (मीरजापुर) : चुनार विधानसभा के वर्तमान विधायक अनुराग ¨सह के मगरहां गांव व पूर्व विधायक जगतंबा ¨सह के रामगढ़ कला गांवों को जोड़ने वाली सड़क की दुर्दशा का दंश क्षेत्र वासियों को झेलना पड़ रहा है। मगरहां से रामगढ़ वाया सीखड़ मार्ग की दुर्दशा से राहगीर परेशान हैं। गड्ढों में तब्दील सड़क पर आवागमन दुरूह हो गया है।
मगरहा से रामगढ़ कला की दूरी वाया सीखड़ लगभग छह किलोमीटर है। रामगढ़ कला की गणना सीखड़ के समृद्ध गांवों में होती है। आबादी और मतदाताओं के लिहाज से भी रामगढ़, क्षेत्र के सर्वाधिक पांच बड़े गांवों में से एक है। खेती में भी यहां के किसान अग्रिम पंक्ति में रहते है। यहां की समृद्धि को देखते हुए ही ग्रामीण बैंक की शाखा गांव में खोली गई है। दूसरी ओर अरसा पूर्व से ही मगरहा को सीखड़ की राजधानी कहा जाता रहा है। वर्तमान में भी कुछ ऐसा ही है। परास्नातक महाविद्यालय, पेट्रोल पंप, बैंक के अलावा विकास क्षेत्र के प्रमुख बाजार के रूप में मगरहा विकसित हुआ है। बावजूद इसके इन दोनों गांवों के बीच सीखड़ सातों पुरा को जोड़ते हुए गुजरने वाली एकमात्र सड़क हमेशा से ही उपेक्षित रही। जबकि अनुराग ¨सह के पिता ओमप्रकाश ¨सह द्वारा यूपी के लोकनिर्माण मंत्री रहते क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाया गया था। बरसात के चार महीनों में मगरहा से सीखड़ होकर रामगढ़ जाने के लिए गंदे व बजबजाते पानी में से गुजरने के लिए राहगीर मजबूर रहते हैं।
मौजूदा समय मे गोरैया गांव से आगे रामगढ़ की तरफ सड़क की हालत इतनी खराब है कि पैदल चलना भी दूभर है। सड़क में बने बड़े-बड़े गड्ढों में पानी भरा है। जिसके चलते मंडियों को जाने वाले लोड वाहन आए दिन पलटते रहते हैं। मॉर्निंग वॉक करने वालों को भी बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। सड़क की दुर्दशा की जानकारी विधायक को कई बार लिखित व मौखिक रूप से दी गई लेकिन नतीजा अब तक शून्य ही रहा। क्या कहते हैं क्षेत्रवासी
सुबह ड्यूटी के लिए जाना होता है और सड़क पर स्थित पानी भरे गड्ढों के चलते अक्सर कपड़े खराब हो जाते हैं। सड़क का निर्माण होना चाहिए।
सतीश त्रिपाठी, गोरैया
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मंडियों में माल ले जाने के लिए लोड गाड़ियों के पलटने का खतरा रहता है। अक्सर गाड़िया पलट जाती हैं जिससे हम किसानों की भारी क्षति होती है।
नागेंद्र तिवारी, गोरैया
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रामगढ़ घमही आदि गांवों के लिए जाने वाली सड़क की दुर्दशा जनप्रतिनिधियों के उपेक्षा के कारण ही है। जनता जितना दु:ख झेल रही है। उसका खामियाजा आगे नेताओं को भुगतना पड़ेगा।
रामकृष्ण, सीखड़
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ललही के पोखरा के पास चार महीने सड़क पर एक फिट से दो फिट पानी जमा रहता है। अब तो शिकायत करते-करते हम लोग थक गए हैं।
सौरभ, लालपुर
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