उल्लास संग मनाया लोहड़ी पर्व, लोकगीतों पर भांगड़ा
नगर के सिख समुदाय द्वारा सोमवार की रात लोक उत्सव लोहड़ी उल्लास और धूमधाम के साथ मनाई गई। गंगेश्वरनाथ स्थित गुरुद्वारा परिसर में सुंदर मुंदरिए हो तेरा कौन विचारा हो दुल्ला भट्टी वाला हो दुल्ले दी धी ब्याही हो.. जैसे पारंपरिक लोकगीतों के साथ लोहड़ी पर्व श्रद्धा उल्लास के साथ मनाया गया। सिख समुदाय इस लोकप्रिय पर्व पर घरों में खुशियां छाई रहीं। देर शाम को पारंपरिक वेशभूषा में पुरुष महिलाएं और बच्चों ने लोहड़ी उत्सव में शामिल होकर खुशियां साझा की। इस अवसर पर गुरु के लंगर में संगत ने प्रसाद छका।
जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) : नगर के सिख समुदाय द्वारा सोमवार की रात लोक उत्सव लोहड़ी उल्लास और धूमधाम के साथ मनाई गई। गंगेश्वरनाथ स्थित गुरुद्वारा परिसर में सुंदर मुंदरिए हो, तेरा कौन विचारा हो, दुल्ला भट्टी वाला हो, दुल्ले दी धी ब्याही हो.. जैसे पारंपरिक लोकगीतों के साथ लोहड़ी पर्व श्रद्धा, उल्लास के साथ मनाया गया। सिख समुदाय इस लोकप्रिय पर्व पर घरों में खुशियां छाई रहीं। देर शाम को पारंपरिक वेशभूषा में पुरुष, महिलाएं और बच्चों ने लोहड़ी उत्सव में शामिल होकर खुशियां साझा की। इस अवसर पर गुरु के लंगर में संगत ने प्रसाद छका।
गुरुद्वारा साहेब में सोमवार की शाम पाठ एवं शबद कीर्तन का आयोजन किया गया। जिसमें गुरुद्वारा चुनार के हजूरी रागी ने अरदास कर ईश्वर को धन्यवाद दिया। इसके बाद गुरुद्वारा परिसर में ढोल की थापों के बीच लोहड़ी जलाकर लोगों ने उसमें मूंगफली, तिल, गुड़ आदि चढ़ाया। इस दौरान ढोल ताशों की गूंज के साथ हर आयु वर्ग के लोगों ने जमकर भांगड़ा और गिद्दा किया। लो आई गई लोहड़ी वे, बनी रही जोड़ी वे.. लोकगीतों के माध्यम से विवाहित जोड़ों की सलामती की दुआ मांगी गई। इस दौरान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष चतरपाल सिंह, उपाध्यक्ष दविदर सिंह, सेक्रेटरी महेंद्र सिंह मिटू, कोषाध्यक्ष प्रिसू सिंह आदि थे।