हल्का कोहरा व दूधिया पानी, जोगिया दरी पर अब सैलानी
जोगिया दरी जिसका नाम लेते ही अब ऐसे जल प्रपात का चलचित्र नजरों में घूमने लगता है। इसका दूधिया और चमकदार पानी एक अलग ही सौंदर्यबोध प्रस्तुत करता है। वर्तमान में सुबह के कोहरे में यह ²श्य देखना और भी सुखकर है। जी हां मड़िहान के जंगल में जोगिया दरी तक पहुंचना मुश्किल ही नहीं बेहद खतरनाक भी था। जागरण की टीम वहां पहुंची और प्रकृति के इस अनमोल खजाने को दुनिया के सामने लाने में सफलता पाई और अब यहां सैलानियों का आगमन होने लगा है जो कि शुभ संकेत है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जोगिया दरी जिसका नाम लेते ही अब ऐसे जल प्रपात का चलचित्र नजरों में घूमने लगता है। इसका दूधिया और चमकदार पानी एक अलग ही सौंदर्यबोध प्रस्तुत करता है। वर्तमान में सुबह के कोहरे में यह ²श्य देखना और भी सुखकर है। जी हां, मड़िहान के जंगल में जोगिया दरी तक पहुंचना मुश्किल भी है। प्रकृति के इस अनमोल खजाने को निहारने के लिए अब यहां सैलानियों का आगमन होने लगा है जो कि शुभ संकेत है।
मड़िहान के बीच जंगल में प्रकृति के विहंगम ²श्य को निहारने के लिए अब सैलानी भी लालायित होकर वहां पर पहुंचने लगे हैं। अभी तक आमजन नजरों से ओझल रहा यह सुंदर ²श्य अपनी छंटा से लोगों को अपनी ओर खींचने लगा है। जानकारी होने पर लोगों की जिज्ञासा बढ़ी कि प्रपात कैसा होगा। इसकी एक झलक पाने के लिए लोग जंगल के कंकरीले और कटीली झाड़ियों वाले रास्ते से होकर गुजरते हुए वहां पहुंचने लगे हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इसके विकास के लिए जल्द ही कदम उठाए जाएंगे। ऐसा विहंगम ²श्य बहुत ही कम देखने को मिलता है।
दो सौ फीट की उंचाई से गिरता पानी
जोगिया दरी में करीब दो सौ फीट से अधिक ऊंचाई से गिर रहे जल को देखकर मन को अछ्वुत शांति मिलती है। दूधिया रंगों से नहाया यह जल कल-कल ध्वनि से जंगल के बीचोंबीच निकल रहा है। यहां पहुंचने के बाद सेल्फी का क्रेज भी बहुत तेजी से बढ़ने लगा है। दूसरे शहरों के लोग तो गाइड लेकर भी यहां पर घूमते नजर आ रहे हैं।