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रामलीला में राजा दशरथ का अभिनय रहा सराहनीय

क्षेत्र के गंगहरा कला गांव में आदर्श श्री रामलीला समिति के तत्वावधान में शनिवार की रात मुनी आगमन एवं ताड़का वध का भाव पूर्ण मंचन किया गया। रामलीला देखने के लिए काफी सख्या में दर्शक जुटे रहे और जय श्रीराम के उद्घोष लगाते रहे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Oct 2018 11:07 PM (IST)Updated: Sun, 07 Oct 2018 11:07 PM (IST)
रामलीला में राजा दशरथ का अभिनय रहा सराहनीय
रामलीला में राजा दशरथ का अभिनय रहा सराहनीय

जागरण संवाददाता, लालगंज (मीरजापुर) : क्षेत्र के गंगहरा कला गांव में आदर्श श्री रामलीला समिति के तत्वावधान में शनिवार की रात मुनी आगमन एवं ताड़का वध का भाव पूर्ण मंचन किया गया। रामलीला देखने के लिए काफी संख्या में दर्शक जुटे रहे और जय श्रीराम के उद्घोष लगाते रहे।

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मंचन के दौरान गुरु शिष्य की परंपरा का निर्वहन करते हुए चक्रवर्ती सम्राट राजा दशरथ ने अयोध्या में मुनी विश्वामित्र के आगमन पर अपना ¨सघासन छोड़ जिस विनम्रता व आदर का प्रस्तुतिकरण किया वह आज के दौर में काबिलेगौर है। इसका दूसरा पहलू और भी मार्मिक ²श्य प्रस्तुत करने वाला था। जब विश्वामित्र ने चक्रवर्ती सम्राट राजा दशरथ से उनके छोटे-छोटे बालक राम व लक्ष्मण को राक्षसों से यज्ञ की रक्षा के लिए अपने साथ भेजने को कहा। उस समय का राजा दशरथ भावुक हो गए लेकिन राम व लक्ष्मण को रोकने की हिम्मत नहीं जुटा पाए और मुनी की बात को मानते हुए राम व लक्ष्मण को भेजने का निर्णय ले लिया। मर्यादा पुरुषोत्तम राम व लक्ष्मण के साथ विश्वामित्र के साथ राक्षसों का संचार करने के लिए चले गए और रास्ते में राक्षसी ताड़का का उद्धार कर दिया। राजा दशरथ की भूमिका में स्थानीय निवासी पूर्व प्रधान शिवबहाल दुबे का अभिनय सराहनीय रहा। इस अवसर पर ब्याह गद्दी का कार्य जय प्रकाश दुबे ने किया।


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