फर्जी कागजातों पर पाई नौकरी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर
जिले में फर्जी कागजातों के आधार पर राजकीय विद्यालयों में नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों पर आज तक कोई कार्रवाई नही हुई है। आज भी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। संयुक्त शिक्षा निदेशक के निर्देश पर तत्कालीन डीआईओएस देवी सहाय तिवारी ने 307 अभ्यर्थियों की सूची पुलिस को भेजकर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की थी। इसके बाद पुलिस विभाग की मांग पर संबंधित कागजात को संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वारा उपलब्ध कराया जा चुका है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिले में फर्जी कागजातों के आधार पर राजकीय विद्यालयों में नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों पर आज तक कोई कार्रवाई नही हुई है। आज भी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। संयुक्त शिक्षा निदेशक के निर्देश पर तत्कालीन डीआईओएस देवी सहाय तिवारी ने 307 अभ्यर्थियों की सूची पुलिस को भेजकर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की थी। इसके बाद पुलिस विभाग की मांग पर संबंधित कागजात को संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वारा उपलब्ध कराया जा चुका है।
विध्याचल मंडल में राजकीय विद्यालयों में नियुक्ति के लिए भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2015 में शुरू हुई थी, जिसके लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय मीरजापुर में भर्ती चल रही थी। राजकीय कालेजों में शिक्षक बनने के लिए दो लाख 64 हजार आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनकी काउंसलिग कराई गई। काउंसलिग के बाद लगभग 150 शिक्षकों ने ज्वाइन भी किया था। संयुक्त शिक्षा विभाग द्वारा अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराना शुरू किया तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए। सत्यापन के दौरान लगभग 307 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र फर्जी मिले। तत्कालीन संयुक्त शिक्षा निदेशक ने सत्यापन रिपोर्ट के अनुसार प्रमाणपत्र फर्जी मिलने पर संबंधित शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया, साथ ही जिन अभ्यर्थियों ने ज्वाइन नही किया, उनके ज्वाइनिग पर भी रोक लगा दिया था। इसके बाद तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक देवी सहाय तिवारी को संबंधित शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया था। जिसके बाद तीन बार में पुलिस ने अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
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वर्जन
राजकीय विद्यालयों में फर्जी कागजातों के आधार पर नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ जांच प्रक्रिया चल रही है। इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया है। पुलिस द्वारा जांच की जा रही है, इसके बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।
- कामताराम पाल, संयुक्त शिक्षा निदेशक।