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आरटीआइ आवेदन के गलत इस्तेमाल की हो जांच

जनपद के आरटीआई कार्यकर्ता इरशाद अली ने मंडलीय उपनिदेशक पंचायत को पत्र लिखकर उनके आवेदन का गलत इस्तेमाल होने का आरोप लगाया है। साथ ही मांग हुई है कि बिना उनकी जानकारी या अनुमति के आयोग को पत्र प्रेषित करने वाले अधिकारी व पटल प्रभारी पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 07:42 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 06:04 AM (IST)
आरटीआइ आवेदन के गलत इस्तेमाल की हो जांच
आरटीआइ आवेदन के गलत इस्तेमाल की हो जांच

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जनपद के आरटीआइ कार्यकर्ता इरशाद अली ने मंडलीय उपनिदेशक पंचायत को पत्र लिखकर उनके आवेदन का गलत इस्तेमाल होने का आरोप लगाया है। साथ ही मांग हुई है कि बिना उनकी जानकारी या अनुमति के आयोग को पत्र प्रेषित करने वाले अधिकारी व पटल प्रभारी पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

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आरटीआई कार्यकर्ता इरशाद अली ने बताया कि उन्होंने जिला पंचायत राज विभाग में पांच बिदुओं पर आरटीआइ के तहत सूचना मांगी थी। आश्चर्य की बात है कि उनकी बिना अनुमति व जानकारी के यह पत्र उत्तर प्रदेश सूचना आयोग को प्रेषित कर दिया गया। जहां से उनके पास पत्र पहुंचा जिसे देखकर वे स्तब्ध व आश्चर्यचकित रह गए। इस कृत्य से आयोग द्वारा वापस किए गए पत्र से प्रार्थी की कार्यशैली पर सवाल उठा है और सामाजिक प्रतिष्ठा की क्षति हुई है। इस कार्य से आवेदक को मानसिक वेदनाओं से भी गुजरना पड़ा है। इरशाद अली ने बताया कि जो पत्र हमने आयोग को भेजा ही नहीं, विभाग ने कैसे और क्यों भेज दिया, इसकी जांच होनी चाहिए। साथ ही संबंधित अधिकारी व पटलकर्मी पर कार्रवाई की जानी चाहिए।


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