जमीन अभाव में मुख्यमंत्री आवास का सपना है अधूरा
मझवा विकास खंड के चकिया के राजस्व गांव के निगतपुर स्थित अनुसूचित जनजाति बस्ती के पात्रों के खाते में मुख्यमंत्री आवास का धन तो आ गया लेकिन जमीन के अभाव में मुख्यमंत्री आवास का सपना अधूरा रह गया है।
जागरण संवाददाता, जमुआं (मीरजापुर) : मझवा विकास खंड के चकिया के राजस्व गांव के निगतपुर स्थित अनुसूचित जनजाति बस्ती के पात्रों के खाते में मुख्यमंत्री आवास का धन तो आ गया लेकिन जमीन के अभाव में मुख्यमंत्री आवास का सपना अधूरा रह गया है। पात्रों ने आरोप लगाया कि प्रशासन द्वारा भूमि का आवंटन तो कर दिया गया है लेकिन एक जाति के लोग अपनी भूमि बताकर निर्माण कार्य को रोक दिया है। पात्रों ने प्रशासन से जांच कर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करते हुए आवास निर्माण कराने में सहयोग करने की मांग की है।
राजस्व गांव निगतपुर के अनुसूचित जनजाति बस्ती के वनवासी मुख्यमंत्री आवास की पात्रता सूची में होने के बाद आवास को बनवाने हेतु पात्र परेशान है। एक माह पूर्व उपजिलाधिकारी सदर गौरव श्रीवास्तव ने स्वयं मौके पर जाकर भूमिहीनों को आवास बनाने हेतु राजस्व टीम के द्वारा सीमांकन करके आवास बनाने हेतु 13 पात्रों व एक गरीब महिला को नापी चिन्हित कर भूमि दी गई थी। ग्राम प्रधान दिलीप पटेल ने बताया कि जब आवास बनवाने हेतु पप्पू, नंदू डब्बल, देबी आदि आवंटित हुई जमीन पर काम लगवाने हेतु गए तो पहले दिन नींव की खोदाई किए दूसरे दिन काम लगने के लिए गए तो गांव के सोनकर बस्ती के लोग मौके पर पहुंचकर आवंटित की गई जमीन को अपना-अपना अधिकार होने की बात कहने लगे।
तिरपाल व पन्नी लगाकर जीवन बसर करने को विवश
आज भी गरीब असहाय वनवासी लोग कड़ाके की ठंड में भी आवास मिलने के बाद भी झोपड़ियों व तिरपालों में अपना जीवन गुजारने के लिए मजबूर है। इस संबंध में जिला पंचायत सदस्य महेंदर ने उक्त प्रकरण को मंडलायुक्त विध्याचल व जिलाधिकारी तक आवास में घोर धांधली का आरोप लगाने के लिए पात्रों की बात पहुंचाने का आश्वासन दिया है।