अब जाना पड़ेगा चार सौ किमी वापस
बुधवार की सुबह जब गुजरात से प्रवासियों को लेकर स्पेशल ट्रेन स्टेशन पहुंची तो ट्रेन से उतरे दो परिवार ऐसे थे जो जालौन जाने को परेशान रहे। हालांकि प्रशासन ने उन्हें बस द्वारा उनके गृह जनपदों को भेजा गया लेकिन प्रवासी परिवारों में आक्रोश रहा कि उन्हें अब वापस चार सौ किमी दूर वापस जाना पड़ रहा है। आरोप लगाया कि पीछे कई स्टेशनों पर ट्रेन से उतर रहे थे लेकिन आरपीएफ डंडे के बल पर ट्रेन के अंदर भेज दिया और कहा कि मीरजापुर में ही उतरना। आरपीएफ के चलते छोटे-छोटे मासूम बच्चों को दूध नसीब नहीं हो पाया।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : बुधवार की सुबह जब गुजरात से प्रवासियों को लेकर स्पेशल ट्रेन स्टेशन पहुंची तो ट्रेन से उतरे दो परिवार ऐसे थे जो जालौन जाने को परेशान रहे। हालांकि प्रशासन ने उन्हें बस द्वारा उनके गृह जनपदों को भेजा गया लेकिन प्रवासी परिवारों में आक्रोश रहा कि उन्हें अब वापस चार सौ किमी दूर वापस जाना पड़ रहा है। आरोप लगाया कि पीछे कई स्टेशनों पर ट्रेन से उतर रहे थे लेकिन आरपीएफ डंडे के बल पर ट्रेन के अंदर भेज दिया और कहा कि मीरजापुर में ही उतरना। आरपीएफ के चलते छोटे-छोटे मासूम बच्चों को दूध नसीब नहीं हो पाया।
अकबर अली ने बताया कि जब ट्रेन से चले तो बीच में झांसी स्टेशन से जालौन नजदीक था। लेकिन वहां उन्हें नहीं उतरने दिया।इसके बाद जब बच्चे को भूख लगी तो दूध लेने के लिए आगे उरई स्टेशन पर उतरने का प्रयास किया, लेकिन वहां पर नहीं उतरने दिया। जिसके कारण मीरजापुर से वापस चार सौ किमी दूर पत्नी व बच्चों के साथ वापस जाना पड़ेगा।