भगवान राम के आदर्श से ही जीवन सफल : अड़गड़ानंद
भगवान राम के मंदिर का जो फैसला आया वह अति सराहनीय व धराधाम के हर व्यक्ति को मान्य होना चाहिए। ये फैसला तो कुछ था ही नहीं क्योंकि भगवान राम का मंदिर अनंत काल से था और रहेगा। ये तो भारत में नेता अपने वोट के लिए इसको अटकाए हुए थे। अगर नेता निष्पक्ष होते तो सफलता पहले मिल गई होती।
जासं, मीरजापुर : भगवान राम के मंदिर का जो फैसला आया, वह अति सराहनीय व धराधाम के हर व्यक्ति को मान्य होना चाहिए। अब भगवान राम के भक्त व श्रद्धालु लोगों के आने से संसार में खुशी की लहर दौड़ गई। भगवान राम का मंदिर बनने के बाद उनकी शिक्षाएं, उनके आदर्श, उनकी साधना से सब दर्शनार्थियों को बताई जाएं। भगवान के ही श्रीमुख की वाणी श्रीमछ्वागवत गीता जिसकी विशुद्ध व्याख्या यथार्थ गीता है जो संसार से संपूर्ण भेदभाव मिटाने का काम करती है। इसलिए पूरे विश्व को चाहिए कि इसे धर्मशास्त्र के रुप में स्वीकार करें तभी मंदिर का लक्ष्य पूर्ण होगा।
- स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज