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अनुदान की बागवानी से लहलहाएगी किसानी, बढ़ेगी आमदनी

किसानों ने बाग तैयार करने में रूचि दिखाई तो जिले में 170 हेक्टेयर क्षेत्रफल में अनुदान की धनराशि से नींबू की बागवानी लहलहाएगी और प्रतिवर्ष ढाई लाख रुपये की आमदनी होगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 05:53 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 05:53 PM (IST)
अनुदान की बागवानी से लहलहाएगी किसानी, बढ़ेगी आमदनी
अनुदान की बागवानी से लहलहाएगी किसानी, बढ़ेगी आमदनी

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : किसानों ने बाग तैयार करने में रुचि दिखाई तो जिले में 170 हेक्टेयर क्षेत्रफल में अनुदान की धनराशि से नींबू की बागवानी लहलहाएगी। हर वर्ष ढाई लाख रुपये की आमदनी भी इससे होगी। उद्यान विभाग की ओर से मनरेगा कंवर्जेंस योजना के अंतर्गत किसानों के निजी खेतों में बागवानी (2020-21) के लिए आच्छादन का लक्ष्य तय किया गया है। बागवानी में पौध से लेकर मजदूरी तक में आने वाले खर्च को सरकार वहन करेगी। रोजगार परक खेती के जरिए किसानों को भारी भरकम अनुदान राशि देकर सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए बागवानी कराने की योजना संचालित की है।

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कोविड-19 के चलते बाहर से आए लोगों को उनके घर पर ही रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उद्यान विभाग की ओर से मनरेगा कंवर्जेंस योजना के अंतर्गत बागवानी कराया जा रहा है। बागवानी के लिए विभाग की ओर से निश्शुल्क उच्चकोटि के पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। बागवानी करने वाले कृषकों को तीन साल तक रख-रखाव के लिए मनरेगा मद से भुगतान किया जाएगा। इस योजना का लाभ अनुसूचित जाति-जनजाति, दिव्यांग, महिला व लघु-सीमांत किसान ले सकते हैं। यह योजना जनपद के बारह ब्लाकों के सापेक्ष नौ ब्लाक सिटी, कोन, मझवां, नरायनपुर, राजगढ़, मड़िहान, पहाड़ी, हलिया व छानबे के लगभग 60 गांवों में क्रियान्वित की जा रही है। योजना के अंतर्गत कुल 180 किसानों का चयन किया गया है। यहां की जलवायु को देखते हुए 170 हेक्टेयर क्षेत्रफल में नींबू के पौधे लगाए जाएंगे। प्रति हेक्टेयर जमीन पर चार सौ नींबू के पौधों का रोपण किया जाएगा। इसके लिए 68 हजार नीबू के पौधे तैयार किए गए हैं। कृषक को प्रति हेक्टेयर पर एक लाख 18 हजार 385 रुपये का अनुदान तीन किश्तों में दिया जाएगा। प्रथम वर्ष 69 हजार 877 रुपये, द्वितीय वर्ष 25 हजार 129 व तृतीय वर्ष 23 हजार 379 रुपये का अनुदान मिलेगा। पौधों के लिए कंपोस्ट खाद भी विभाग की ओर से निश्शुल्क प्रदान किए जाएंगे। फसल के तैयार होने पर किसानों को प्रतिवर्ष को दो से ढाई लाख रुपये की आमदनी होगी। वर्जन

मनरेगा कंवर्जेंस योजना के तहत किसान खुद अपने खेतों में काम करेंगे। इसके लिए उसे विभाग की ओर से पौधे, खाद व मनरेगा से मजदूरी दी जाएगी। पौधे तैयार हो जाने पर उसे काम के लिए कहीं बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। प्रतिवर्ष वह दो से ढाई लाख की आमदनी कर सकेगा।

मेवाराम, जिला उद्यान अधिकारी, मीरजापुर


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