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छात्रावास में रहने की बालिकाओं की आस अधूरी

छात्रावास में रहकर बालिकाओं के पढ़ने की आस आज पांच वर्ष बाद भी पूरी नहीं हो सकी है। बालिका छात्रावास के निर्माण के लिए प्रति छात्रावास 161.

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 10:50 PM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 06:23 AM (IST)
छात्रावास में रहने की बालिकाओं की आस अधूरी
छात्रावास में रहने की बालिकाओं की आस अधूरी

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : छात्रावास में रहकर बालिकाओं के पढ़ने की आस आज पांच वर्ष बाद भी पूरी नहीं हो सकी है। बालिका छात्रावास के निर्माण के लिए प्रति छात्रावास 161.8 लाख रुपया कार्यदायी संस्था को जारी कर दिया गया है। बावजूद इसके कार्यदायी संस्था द्वारा निर्माण कार्य में लापरवाही बरतते हुए महत्वाकांक्षी योजना को पलीता लगाया जा रहा है।

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सरकार द्वारा बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए कल्याणकारी योजनाओं के साथ ही कई सुविधाएं प्रदान की जा रही है। बालिकाओं को घर से दूर रहकर पढ़ाई करने के लिए रहने में परेशानी न हो इसके लिए जनपद के वित्तीय वर्ष 2015-16 में मड़िहान और दुबारकला लालगंज में बालिका छात्रावास बनवाया जा रहा है। इसके लिए शासन द्वारा प्रति छात्रावास लगभग 170.25 लाख की भारी भरकम आवंटित की गई। निर्माण एजेंसी उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड (पैकफेड) को बालिका छात्रावास निर्माण कराने की जिम्मेदारी विभाग द्वारा सौंपी गई है। बजट में से 95 प्रतिशत धनराशि लगभग 161.8 लाख रुपया भी जारी की गई है। करोड़ों खर्च होने के बावजूद आज भी बालिकाओं के लिए बन रहा छात्रावास आज भी अधूरा पड़ा है। वर्तमान समय में मड़िहान में निर्माणाधीन छात्रावास लगभग पूर्ण हो चला है तो वहीं दूसरी तरफ दुबारकला लालगंज में अभी भी निर्माणाधीन है। मड़िहान स्थित छात्रावास को कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय को हस्तानांतरित करने का निर्देश दिया गया है, लेकिन आज तक पूरा नहीं होने के कारण हस्तानांतरण नहीं हो सका है। जनपद के नोडल अधिकारी व विशेष सचिव सुरेंद्र विक्रम द्वारा बीते दिनों तहसील मड़िहान में निर्माणाधीन छात्रावास का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान निर्माण में घटिया ईंट सहित सामग्री मिलने पर कड़ी नाराजगी जताया था। साथ ही प्रयोग हो रही ईंट को अपने साथ ले गए थे।

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छात्रावास को पूरा करने का निर्देश कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को दिया गया है। छात्रावास जल्द ही पूरा होगा। छात्रावास पूरा होने से बालिकाओं को सुविधा मिलेगी।

- देवकी सिंह, डीआइओएस, मीरजापुर।


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