घोटाले की भेंट चढ़ी बेहतर शिक्षा की आस
नक्सल प्रभावित तहसील मड़िहान के ग्राम पंचायत राहकला में वर्ष 200
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : नक्सल प्रभावित तहसील मड़िहान के ग्राम पंचायत राहकला में वर्ष 2008 में उच्च प्राथमिक विद्यालय हउदवा के निर्माण की नींव पड़ी, तो ग्रामीणों को आशा जगी की उनके बच्चों को गांव में ही अब बेहतर शिक्षा मिल सकेगी। ग्रामीणों को क्या मालूम था कि उनके नौनिहालों को बेहतर शिक्षा की आस घोटाले की भेंट चढ़ जाएगी। हाल यह है कि स्कूल भवन पूरा होने के पहले ही अनियमितता के चलते प्रधानाध्यापक फिरोज अहमद से रिकवरी तक शुरू हो गई ।
उच्च प्राथमिक विद्यालय भवन के अधूरा रहने और बिना हैंडओवर किए ही वर्ष 2010 में ही को पूर्ण दिखा दिया गया। विद्यालय को पूर्णता की सूची में डालते हुए विभाग द्वारा बाकायदे एक प्रधानाध्यापक की तैनाती भी कर दी गई। इसके कुछ दिनों बाद शिक्षक फिरोज अहमद को विद्यालय की जिम्मेदारी सौंपी गई। ग्राम प्रधान और प्रधानाध्यापक द्वारा मिलकर विद्यालय निर्माण के लिए पांच लाख 60 हजार रूपया निकाल लिया गया। बावजूद इसके शिक्षक और प्रधान द्वारा विद्यालय का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं कराया गया। विद्यालय की नींव डालकर छोड़ दिया गया। उच्चाधिकारियों द्वारा बीच-बीच में दबाव डालने के कारण अब तक लगभग सात फीट दीवार उठ चुकी है। वर्तमान समय में प्राथमिक विद्यालय रामपुर अतरी के खाते में विद्यालय की वायरिग के लिए जिला स्तर से 60 हजार की धनराशि भेजी गई है। एक ही मामले में दो बार प्रधानाध्यापकों निलंबित किया जा चुका है। विद्यालय निर्माण में लापरवाही मानते हुए बीएसए ने वर्ष 2018 में शिक्षक को निलंबित कर दिया और उसके बाद वर्ष 2019 में फिर बिना कारण बहाल भी कर दिया। इसके बाद वर्ष 2019 में इसी विद्यालय निर्माण में अनियमितता मानते हुए चार लाख 60 हजार रूपए की रिकवरी जारी की है। विभाग के अनुसार प्रधानाध्यापक के वेतन से प्रतिमाह वेतन का 40 प्रतिशत कटौती किया जाना है। बीईओ राम मिलन यादव ने बताया कि विद्यालय निर्माण में अनियमितता का मामला प्रकाश में आने के बाद कराए गए कार्यो का आकलन कराया गया। इसके बाद प्रधानाध्यापिक फिरोज अहमद से रिकवरी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
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विद्यालय का मामला संज्ञान में आया है, मामले की जांच कराकर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- प्रियंका निरंजन, मुख्य विकास अधिकारी, मीरजापुर।