होली का त्योहार, बाजार हुआ गुलजार
होली को लेकर बाजार गुलजार हो गए हैं। एक तरफ लोग त्योहार के लिए कपड़ों की खरीदारी में जुट गए हैं तो गृहणियों ने घरों में पकवान बनाने की कवायद शुरू कर दी है। घरों में पक रही गुझिया की भीनी-भीनी खुशबू आने लगी है तो बाजारों में भी तमाम तरह की खाद्य सामग्रियों से दुकानें सजी हुई है। पर्व भले ही तीन दिन दूर हो लेकिन इसकी खुशियां घरों में अभी से मंडराने लगी हैं।
जासं, चुनार (मीरजापुर) : होली को लेकर बाजार गुलजार हो गए हैं। एक तरफ लोग त्योहार के लिए कपड़ों की खरीदारी में जुट गए हैं तो गृहणियों ने घरों में पकवान बनाने की कवायद शुरू कर दी है। घरों में पक रही गुझिया की भीनी-भीनी खुशबू आने लगी है तो बाजारों में भी तमाम तरह की खाद्य सामग्रियों से दुकानें सजी हुई है। पर्व भले तीन दिन दूर हो लेकिन इसकी खुशियां घरों में मंडराने लगी हैं।
रंगों भरे इस त्योहार पर मेहमान नवाजी का दस्तूर भी बहुत पुराना है और इसके लिए भी लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं। भले ही मंहगाई हो लेकिन उसका कोई खास असर त्योहार के उल्लास पर फिलहाल दिखाई नहीं दे रहा है। घरों में बनाए जाने वाले व्यंजनों की खरीदारी के लिए महिला पुरुषों की भीड़ किराने की दुकानों पर दिख रही है वहीं लोगों को रंग से सराबोर करने के लिए पिचकारियां खरीदने के लिए भी बच्चे अपने माता-पिता के साथ बाजारों का रुख कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि लोग मंहगाई के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। खाद्य सामग्री पर लोगों की चर्चा में एक बात सामने आई है कि पिछले बार की तुलना में इस बार करीब दस फीसद तक सामान महंगा है। इसका एहसास तब होता है जब सामान का पर्चा बनाकर दुकानदार खरीदार के हाथों में देता है और भुगतान करते वक्त सामानों की बढ़ी कीमतों पर सुघड़ गृहणियां कर ही ले रही हैं। वहीं दुकानदारों की माने तो मंहगाई हर साल बढ़ती है।
किचन में भी दाखिल हुआ यूट्यूब
एक ओर जहां घरों पर बनने वाली पारंपरिक गुझिया, पापड़, मठरी, खुरमा तो लोगों के पंसदीदा पकवान हैं हीं वहीं दूसरी ओर बढ़ते मोबाइल कल्चर के साथ साथ अब यूट्यूब भी धीरे-धीरे गृहणियों के किचन में दाखिल हो चुका है। इस पर मौजूद तमाम पकवानों की रेसिपी का प्रयोग कर नए-नए पकवान तैयार करने में भी गृहणियां पीछे नहीं हैं। आनलाइन रेसिपी देखकर उसे अपने किचन में बनाने का प्रयोग किया जा रहा है।
बाजार में बिक रही सामग्री का मूल्य
होली के सीजन में मैदा 28-30 रुपए किलो, सूजी 30 रुपए किलो, रिफाइंड आयल 90 रुपए किलो, सरसों तेल 98 रुपए किलो, चीनी 36 रुपए किलो, बेसन 70 रुपए किलो, खोवा 240 से 260 रुपए किलो तक बिक रहा है।