प्रकाश पर्व पर हरिजस कीर्तन सुनकर साध संगत हुए निहाल
जागरण संवाददाता मीरजापुर रतनगंज स्थित गुरुद्वारा में श्री गुरुगोविद सिंह महाराज का 354वां
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : रतनगंज स्थित गुरुद्वारा में श्री गुरुगोविद सिंह महाराज का 354वां प्रकाश पर्व बुधवार को बड़े धूमधाम से मनाया गया। ज्ञानी कुलविदर सिंह द्वारा हरिजस कीर्तन गायन कर साध संगत को निहाल किया। इसके बाद गुरु मर्यादा के अनुसार सरोपा भेंट किया गया। कार्यक्रम के अंत में गुरुजी का अटूट लंगर बांटा गया, इसमें लोगों ने श्रद्धाभाव से प्रसाद ग्रहण किया।
कार्यक्रम के दौरान सुबह 8.30 अखंड पाठ साहेब की समाप्ति के बाद ज्ञानी कुलविदर सिंह हजुरी जत्था मीरजापुर के तरफ से हरिजस कीर्तन सुबह 11.30 बजे से दोपहर 10 बजे तक बच्चों द्वारा दरबार हुआ। प्रधान जसबीर सिंह चड्योग ने गुरुजी के जीवन पर प्रकाश डाला। बताया कि गुरुजी का जन्म पटना शहर में पांच जनवरी 1666 को हुआ था। सिक्ख के दसवें गुरु थे। गुरु तेग बहादुर इनके पिता थे। शहादत के बाद 11 नवंबर 1675 को वे गुरुगद्दी पर विराजमान हुए। सन 1699 में गुरुजी ने खालसा पथ की स्थापना की। गुरुजी ने धर्म व देश की रक्षा के लिए अपने माता-पिता व चारों पुत्रों को बलिदान के लिए प्रेरित किया। गुरुजी ने परमात्मा की भक्ति के लिए प्रेम का मार्ग अपनाने की प्रेरणा दी। गुरुजी के जीवन पर धार्मिक मंत्री भूपेंद्र सिंह डंग ने प्रकाश डाला। संचालन प्रबंधक हरदीप सिंह खुराना व खजांची हरभजन सिंह सरना ने किया। धर्मपाल सिंह सरना, चरणजीत सिंह सोखी, जसवंत सिंह, परविदर सिंह, जगजीत सिंह डंग, बलविदर सिंह सरना, करमजीत सिंह सरना, अमरीक सिंह मोंगा, महेंद्र सिंह चड्योक, राजेंद्र सिंह चड्ढा, अमरदीप सिंह चड्ढा, बलवीर सिंह सरना आदि रहे।