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चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा स्वास्थ्य विभाग

शासन द्वारा मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का दावा फेल होता जा रहा है। अस्पताल के भवन तो खड़े कर दिए जा रहे हैं लेकिन उस भवन में बैठने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों समेत अन्य स्टाफ की तैनाती नहीं कर पा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 04:45 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 04:45 PM (IST)
चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा स्वास्थ्य विभाग
चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा स्वास्थ्य विभाग

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : शासन द्वारा मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का दावा फेल होता जा रहा है। अस्पताल के भवन तो खड़े कर दिए जा रहे हैं लेकिन उस भवन में बैठने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों समेत अन्य स्टाफ की तैनाती नहीं कर पा रहे हैं। वही जो तैनात है उनकी भी छटनी की जा रही है। जिसका सीधा प्रभाव चिकित्सीय व्यवस्था पर पड़ रहा है। वर्तमान समय में चिकित्सीय सुविधा पूरी तरह से चरमा गई है। मरीज इलाज के लिए इधर-उधर भटक ही रहे हैं, जांच की भी सुविधा नहीं होने के कारण उनको आर्थिक रूप से भी क्षति का सामना करना पड़ा रहा है।

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जिले के सरकारी चिकित्सालयों में चिकित्सकों का घोर अभाव है। इसके चलते चिकित्सीय सुविधा बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। हालात यह हो गए हैं कि कही- कही तो मात्र एक चिकित्सक से ही काम चलाया जा रहा है। गौरतलब है कि जनपद में एक मंडलीय, एक जिला महिला चिकित्सालय व आठ सीएचसी, आठ पीएचसी व 35 न्यू पीएचसी है। मंडलीय में 42 व महिला चिकित्सालय में 13 चिकित्सकों का पद है वहीं सीएचसी पर पीएचसी व न्यू पीएचसी पर तीन-तीन चिकित्सकों के अनुसार कुल 208 चिकित्सक तैनात किए जाने चाहिए लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है। शासन के पास विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है। वर्तमान समय में मंडलीय चिकित्सालय में 42 की जगह 26 व महिला चिकित्सालय में 13 की जगह मात्र आठ चिकित्सक ही तैनात है। इसमें न्यूरो सर्जन, फिजिशियन, कार्डियोलाजिस्ट, रेडियोलाजिस्ट, प्लास्टिक सर्जन व कुछ सर्जन का पद खाली चल रहा है। स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए कुछ संविदा पर स्टाफ जरुर तैनात किए गए हैं लेकिन वह नाकाफी है। इसी प्रकार सीएचसी पीएचसी पर 208 चिकित्सकों की जगह इस समय में मात्र 158 डाक्टर ही तैनात चल रहे हैं। मानक के अनुरूप चिकित्सक की तैनाती नहीं होने पर अधिकारियों द्वारा किसी किसी स्वास्थ्य केंद्र पर एक चिकित्सक या दो चिकित्सक तैनात कर ही काम चलाया जा रहा है। पर्याप्त मात्रा में चिकित्सकों की तैनाती न होने से जिले की चिकित्सा व्यवस्था काम चलाऊ हो गया है। मंडलीय चिकित्सालय में रेडियोलाजिस्ट चिकित्सक नहीं होने से अल्ट्रासाउंड ठप पड़ा है। मारपीट समेत अन्य घटनाओं की रिपोर्ट बनाने के लिए घायलों को सोनभद्र भेजा जा रहा है।

वर्जन

चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। शासन भी इस पर चितित है। जल्द ही कोई न कोई हल निकाला जाएगा।

-डा .ओपी तिवारी मुख्य चिकित्साधिकारी।


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