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धरा को हरा-भरा बनाने के संकल्प में अकेले ही जुटे ग्रीन गुरु

पेशे से शिक्षक लेकिन मन विचार और कर्म से पर्यावरण प्रहरी बन चुके अनिल कुमार सिंह को लोग अब ग्रीन गुरु के नाम से पुकारते हैं। उन्होंने प्रण ही ऐसा लिया है जिसे जानकर लोग उन्हें ग्रीन गुरु कहकर सलाम करते हैं। मड़िहान तहसील के पचोखरा स्थित शांति निकेतन इंटर कालेज में बतौर लेक्चरर कार्य कर रहे अनिल कुमार सिंह रोजाना एक पौधा लगाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 06:13 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jan 2020 11:13 PM (IST)
धरा को हरा-भरा बनाने के संकल्प में अकेले ही जुटे ग्रीन गुरु
धरा को हरा-भरा बनाने के संकल्प में अकेले ही जुटे ग्रीन गुरु

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : पेशे से शिक्षक लेकिन मन, विचार और कर्म से पर्यावरण प्रहरी बन चुके अनिल कुमार सिंह को लोग अब ग्रीन गुरु के नाम से पुकारते हैं। उन्होंने प्रण ही ऐसा लिया है जिसे जानकर लोग उन्हें ग्रीन गुरु कहकर सलाम करते हैं। मड़िहान तहसील के पचोखरा स्थित शांति निकेतन इंटर कालेज में बतौर लेक्चरर कार्य कर रहे अनिल कुमार सिंह रोजाना एक पौधा लगाते हैं। यह कार्य करते हुए उन्हें करीब 1700 दिन हो चुके हैं और सिलसिला रोजाना आगे बढ़ता जा रहा है।

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शहर के जेपीपुरम कालोनी में रहने वाले शिक्षक अनिल सिंह उर्फ ग्रीन गुरु का बचपन से ही पेड़ों से खास लगाव रहा है। इंटर की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने पहली बार कलम विधि से पौधा तैयार कर उसका रोपण किया था। जैसे-जैसे समय बीता पेड़ों से उनका लगाव और मजबूत होता गया। वह समय- समय पर पौधरोपण का काम करने लगे। पर एक जुलाई 2015 से उनका यह शौक जुनून में बदल गया। एक जुलाई 2015 से वन विभाग की ओर से पौधरोपण के लिए चलाए गए एक हफ्ते के अभियान से वे इतने प्रभावित हुए कि हर रोज एक पौधा लगाने का संकल्प लिया। ग्रीन गुरु के दिन कि शुरुआत हर रोज एक पौधा रोपने से होती है। वह हमेशा घर से बाहर निकलने के दौरान पौधों को साथ ले जाना नहीं भूलते। इतना ही नहीं विद्यालय पढ़ाने जाते समय भी पौधे अपने साथ ले जाते हैं। खाली जमीन पर उस पौधे को रोप देते हैं। शिक्षण कार्य के दौरान स्कूल में जब समय मिलता है तो वह उसे पौधों को तैयार करने में बिताते हैं।

घर को ही बना दिया नर्सरी

प्रतिदिन पौधे लगाने के लिए पहले वह नर्सरी से पौधे लाते थे लेकिन समय के साथ पौधों कि लागत बढ़ी तो घर में ही पौधे तैयार करने लगे। वर्तमान में उनका पूरा घर ही नर्सरी में तब्दील हो चुका है। तरह-तरह के पौधों को खुद ही तैयार करते हैं। इस समय पचास प्रजातियों के पेड़-पौधों से उनकी कुटिया आबाद है। अपने पैसे से तैयार पौधों को वे लोगों में नि:शुल्क बांटते हैं। पर्यावरण के प्रति उनकी लगन को देखते हुए कुछ समय पहले प्रयागराज में आयोजित वन विभाग के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उन्हें सम्मानित कर चुके हैं।

भावी पीढ़ी को समर्पित यह अभियान

ग्रीन गुरु अनिल कुमार सिंह ने बताते हैं कि पिछली पीढ़ी ने जो पर्यावरण को लेकर प्रयास किया था वह आज हमारे दौर में है। अगर आज हम प्रयास नहीं करेंगे तो आने वाली पीढि़यों को हम हरियाली और बेहतर जीवन कहां से देंगे। इसीलिए पर्यावरण के प्रति प्रेरित करने के लिए हम किसी एक के हाथों पौधे का रोपण करवाते है। गुरु की ऐसी भावना जान उनके कालेज में पढ़ने वाले न जाने कितने छात्र पौधों के प्रति संजीदा हो चुके हैं। वे केवल इनका हाथ बंटाते हैं बल्कि समय-समय पर पौधारोपण कर धरा हो हराभरा बनाने के इस यज्ञ मे आहुति देते हैं।


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