वेतन समिति 2016 की संस्तुतियों को करें लागू
पथरहिया स्थित कार्यालय परिसर में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पदाधिकारियों द्वारा सोमवार को प्रदर्शन किया गया। अध्यक्षता करते हुए प्रांतीय उपाध्यक्ष नारायणजी दूबे ने सरकार द्वारा कर्मचारियों को मिल रही सुविधाओं को मनमाने तरीके से समाप्त करने और 50 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके कर्मचारियों की छटनी करने पर विरोध जताया। कहा कि कर्मचारी सरकार के इस निर्णय का पुरजोर विरोध करते हुए मांग करते है कि सरकार भत्तों के संबंध में वेतन समिति 2016 की संस्तुतियों तत्काल लागू करें।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : पथरहिया स्थित कार्यालय परिसर में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पदाधिकारियों द्वारा सोमवार को प्रदर्शन किया गया। अध्यक्षता करते हुए प्रांतीय उपाध्यक्ष नारायणजी दूबे ने सरकार द्वारा कर्मचारियों को मिल रही सुविधाओं को मनमाने तरीके से समाप्त करने और 50 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके कर्मचारियों की छटनी करने पर विरोध जताया। कहा कि कर्मचारी सरकार के इस निर्णय का पुरजोर विरोध करते हुए मांग करते है कि सरकार भत्तों के संबंध में वेतन समिति 2016 की संस्तुतियों तत्काल लागू करें।
जिलामंत्री कमलकुंज चौबे ने कहा कि कर्मचारी सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों को अब बर्दाश्त नही करेगा। पुरानी पेंशन की बहाली, वेतन विसंगतियों पर निर्णय, भत्तों पर निर्णय पहले से ही अटके पड़े है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने मुख्यमंत्री को संविदा कर्मचारियों के एवं आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के समायोजन करने की मांग किया है। परिषद द्वारा संविदा व आउटसोर्सिंग कर्मचारी तथा परिषद के पूर्व 26 सूत्रीय लंबित मांगों के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी। रामकृष्ण दूबे ने कहा कि एक देश एक संविधान का नियम लागू होना चाहिए अर्थात सांसद, विधायक एवं एमएलसी को भी चुनाव लडने हेतु शिक्षा एवं आयु की अनिवार्यता होनी चहिए। सांसद, विधायक एवं एमएलसी सहित जनप्रतिनिधि चुनाव द्वारा निश्चित अवधि हेतु चुना जाता है, इसलिए राजकीय सुविधा व पेंशन का कोई संवैघानिक अधिकार नही होता है उसे तत्काल समाप्त किया जाय। बैठक में सतीश मिश्रा, डा. आशुतोश उपाध्याय, डा. अरूण वर्मा, डा. पंकज, पवन द्विवेदी, रंजीता देवी, प्रभाशंकर आजाद, मनोज कुमार पांडेय, संतोष मिश्रा, प्रमिला देवी, अश्वनी तिवारी, धर्मनाथ, प्रशान्त त्रिपाठी आदि रहे।