राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय बदहाल
जागरण संवाददाता, पटेहरा (मीरजापुर) : क्षेत्र के पथरौरा राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय अनदे
जागरण संवाददाता, पटेहरा (मीरजापुर) : क्षेत्र के पथरौरा राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय अनदेखी के चलते अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। वही कागजों पर फार्मासिस्ट के सहारे अस्पताल को संचालित किया जा रहा है। चिकित्सक विहिन अस्पताल होने के कारण मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गांव के मरीज नीम-हकीमों से उपचार कराने को विवश है। क्षेत्र के लोगों ने कई बार जनप्रतिनिधियों के अलावा उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया, लेकिन आज तक मात्र आश्वासन के अलावा कुछ नहीं हासिल हुआ जिससे लोगों में मायूसी है।
अति पिछड़े क्षेत्र के रोगियों को सुदूर भटकना न पड़े। इसके लिए निवर्तमान स्वास्थ्य मंत्री पं. लोकपति त्रिपाठी ने क्षेत्रवासियों की पीड़ा को देखते हुए वर्ष 1983 में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का शिलान्यास कर 1986 में उद्घाटन किया था। यह अस्पताल पांच-पांच शैया के अलावा डाक्टर, फार्मासिस्ट, वार्ड ब्वाय की नियुक्ति कर तमाम दवाइयों का भंडारण कराया था। समय बितता गया और आयुर्वेदिक अस्पताल में दिन दोपहरिया बिताने के लिए जुआरियों का अड्डा बन गया है और बरसात में छुट्टा पशुओं का जमावड़ा होता है। देखरेख के अभाव में अस्पताल की सभी खिड़कियां गायब है, बेड भी टूटे-फूटे के अलावा लावारिस की तरह नजर आते हैं। अस्पताल परिसर अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा कर लिया गया। परिसर में गोबर, उपली व घर बनाते चले जा रहे हैं। गांव निवासी कमलेश पटेल ने अतिक्रमण हटाने को लेकर तहसील दिवस में प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन राजस्व विभाग चुप्पी साध हुए है। गांव निवासी राजमणि ने आरोप लगाया है कि सप्ताह में एक दिन फार्मासिस्ट, वार्ड ब्वाय और चौकीदार आते हैं जो हस्ताक्षर बनाकर चले जाते हैं। उनसे अस्पताल और रोगी से कोई लेना-देना नहीं है।