तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, तटवासियों को किया अलर्ट
झांसी के बैराज बांध से पानी छोड़े जाने के बाद गंगा का जलस्तर
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : झांसी के बैराज बांध से पानी छोड़े जाने के बाद गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा। पांच दिन के अंदर के चार मीटर पानी बढ़ गया। वर्तमान में 72.510 सेंटीमीटर जलस्तर का रिकार्ड दर्ज किया गया है। लगभग सात सेंटीमीटर प्रतिघंटे की दर से बढ़ रही गंगा खतरे के निशान से अभी पांच मीटर नीचे हैं। लगातार बढ़ रहे पानी को देखते हुए अधिकारियों ने गंगा किनारे रहने वाले वालों को अलर्ट कर दिया है।
पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश के चलते गंगा का जलस्तर तो धीरे-धीरे बढ़ रहा था, लेकिन 29 जुलाई को झांसी के बैराज बांध से पानी छोड़े जाने के बाद गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी होने लगी। 30 अगस्त तक गंगा का जलस्तर 68.480 सेंटीमीटर था जो 31 अगस्त की दोपहर तक यहीं रहा। जैसे ही शाम हुई अचानक पानी बढ़ना शुरू हो गया और एक अगस्त को दो मीटर बढ़कर यह 70.440 सेंटीमीटर हो गया। सात सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहे पानी को देखकर अधिकारी भी हैरान हो गए। दो अगस्त की शाम को यह बढ़कर 72.510 सेंटीमीटर हो गया। पिछले पांच दिनों में चार मीटर पानी बढ़ने पर अधिकारियों में हड़कंप मच गया। गंगा किनारे छानबे ब्लाक के बबुरा, अकोढ़ी गौरा, कोन ब्लाक के हरसिगपुर, नएपुर, चील्ह, बल्लीपरवा, मझवां ब्लाक के बरैनी, कछवां, सीखड़ ब्लाक के मंगरहा, सिटी ब्लाक के खुटहा, पहाड़ी ब्लाक के नान्हूपुर, छटहां, नराययनपुर ब्लाक के चुनार आदि दो दर्जन से अधिक गांव में रहने वाले ग्रामीणों को अलर्ट कर दिया गया है। मछुआरों को गंगा में नहीं
जाने की दी गई सलाह
गंगा में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने मछुआरों को गंगा में मछली मारने के लिए नहीं जाने को कहा है। चेतावनी दी है कि रोक के बावजूद कोई गंगा में मछली मारने के लिए जाता हैं तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। नाविकों से भी ओवरलोड नाव लेकर नहीं चलने को कहा है। सभी बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों से चौकस रहकर ड्यटी करने के निर्देश दिए गए हैं। किसी गांव में पानी घुसने की जानकारी मिलने पर अवगत कराने को कहा है।
वर्जन
गंगा में पानी बढ़ने का मुख्य कारण कुछ दिनों से बारिश होना है। बैराज बांध से पानी छोड़ा गया है। इसके कारण भी नदी में बढ़ाव है। बारिश बंद होगी तो पानी भी कम हो जाएगा। फिलहाल सभी को सतर्क कर दिया गया है।
वैभव सिंह, अधिशासी अभियंता सिचाई विभाग