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गंगा का रुख दक्षिणवर्ती, कटान की जद में आधा शहर

इन परियोजनाओं पर काम शुरू होना था लेकिन अब नई योजना आ गई है जिसके लिए सर्वे का कार्य किया जा रहा है। यह कार्य शिवपुर से लेकर जमुनहिया तक होना है। इसलिए कटानरोधी कार्य फिलहाल पें¨डग हो गया है। शासन का जो निर्देश होगा, उसके अनुसार कार्य किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 07:51 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 11:08 PM (IST)
गंगा का रुख दक्षिणवर्ती, कटान की जद में आधा शहर
गंगा का रुख दक्षिणवर्ती, कटान की जद में आधा शहर

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : यह कहना कुछ अतिश्योक्ति भले ही लगता हो लेकिन है हकीकत। इस समय लगभग आधा नगर कटान की जद में है। इस हकीकत को शासन-प्रशासन ने भी माना। इसके लिए पहल की लेकिन अभी उनकी पहल ठंडे बस्ते में है। जबकि जानकारों का कहना है कि यदि इस पर शीघ्र कार्य नहीं किया गया तो खतरा बढ़ सकता है। इस पर त्वरित कार्रवाई करने की जरूरत है।

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इलाहाबाद से गंगा के आगे बढ़ने पर शिवपुर से लेकर जमुनहिया तक इसके किनारे बसा नगर क्षेत्र खतरे में है। कई जगहों पर तो नदी ने अपने दाहिनी ओर काफी कटान कर चुकी है। मसलन शास्त्री पुल के पास का लल्ला घाट हो या चौबे घाट, कटान से बुरी तरह प्रभावित है। आगे चलकर यही दशा बरियाघाट के पास की है। यहां तो स्थिति इतनी खतरनाक हो चुकी है कि गंगा के किनारे गई आधी सड़क इसकी भेंट चढ़ चुकी है। नागरिकों की पहल पर शासन ने ¨सचाई विभाग को कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया था। कार्ययोजना बनी भी लेकिन शासन से अब तक कार्य शुरू करने की हरी झंडी न मिलने से इसे फिलहाल स्थगित माना जा रहा है।

रैदानी कालोनी पूरी तरह जद में

बरियाघाट के पास स्थित रैदानी कालोनी में कटान का सर्वाधिक खतरा है। गंगा फतहां घाट के पास वामावर्त हुई है। इस वजह से बरियाघाट के पास से ही उसका पानी कुछ दक्षिणावर्त हो गया है। हालांकि बरियाघाट से लेकर रामबाग तक मिट्टी के बड़े- बड़े ऊंचे करार हैं लेकिन वह अब कटान की जद में आकर गिर रहे हैं। यही वजह है कि बरियाघाट से तारकेश्वर मंदिर जाने के लिए गंगा के किनारे- किनारे जो सड़क बनाई गई थी वह अब गंगा में ही विलीन हो गई है। अब मात्र कुछ फीट की सड़क बची रह गई है जो कि बंद कर दी गई है। माना जा रहा है कि इन घाटों पर पत्थरों की जो सीढि़यां बनी हैं उनके अंदर की मिट्टी कट चुकी है और उनमें पोल हो रहा है। यदि जल्द ही इसके लिए कुछ नहीं किया गया तो खतरा हो सकता है।

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कचहरी घाट व शिव घाट पर हुआ था कार्य

दीवानी न्यायालय परिसर व शास्त्री पुल के पास शिव मंदिर घाट पर ¨सचाई विभाग ने कई वर्ष पूर्व कटान रोधी कार्य कराया था। शिव मंदिर घाट के पास जो कार्य हुआ था तो घटिया पत्थरों के कारण नदी में जो लां¨चग पैड बनाया गया था वह बह गया था। इस पर जब नागरिकों ने आक्रोश जताया तो फिर से काम कराया गया। इसी प्रकार कचहरी परिसर में भी कटानरोधी कार्य कराया गया लेकिन और सभी जगह ऐसे ही छोड़ दिया गया है।

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53 करोड़ की बनी थी योजना

नगर क्षेत्र में कटानरोधी कार्य के लिए ¨सचाई विभाग ने 52. 69 करोड़ की चार परियोजनाएं बनाई थी। इसके लिए नगर के ऐसे सभी स्थानों को, जहां कि अधिकतम कटान है, चिन्हित कर कटानरोधी कार्य कराया जाना था लेकिन अब नई परियोजना के चलते इसे फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। नई योजना कब तक काम करेगी कहा नहीं जा सकता।

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इन जगहों पर होना था कटानरोधी कार्य

- चौबेघाट

- घोड़ेशहीद बाबा घाट

- महावीर पार्क

- फतहां ¨सचाई कालोनी

- आफिसर्स कालोनी

- भटौली घाट वर्जन ..

इन परियोजनाओं पर काम शुरू होना था, लेकिन अब नई योजना आ गई है जिसके लिए सर्वे का कार्य किया जा रहा है। यह कार्य शिवपुर से लेकर जमुनहिया तक होना है। इसलिए कटानरोधी कार्य फिलहाल पें¨डग हो गया है। शासन का जो निर्देश होगा, उसके अनुसार कार्य किया जाएगा।

- पीके सत्संगी, अधीक्षण अभियंता, ¨सचाई कार्य मंडल मीरजापुर।


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