गंगा को स्वच्छ रखने का दावा हवाहवाई, 30 नालों से गिर रहा गंदा पानी
सरकार द्वारा गंगा को साफ रखने का प्रयास किया जा रहा है, जो हवा हवाई ही दिख रहा है। जनपद में गुजर रही गंगा को स्वच्छ व साफ रखने को लेकर जिला प्रशासन गंभीर नहीं है। लाख कवायद के बावजूद आज भी गंगा में अभी भी 30 अनटैब्ड नालों से लगभग 12.365 मिलियन लीटर पर डे (एमएलडी) गंदा पानी बिना शोधित किए ही गिर रहा है। हांलाकि जिला प्रशासन द्वारा 11 टैब्ड नालों का लगभग 16.5
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : सरकार द्वारा गंगा को साफ रखने का प्रयास किया जा रहा है, जो हवा-हवाई ही दिख रहा है। जनपद में गुजर रही गंगा को स्वच्छ व साफ रखने को लेकर जिला प्रशासन गंभीर नहीं है। लाख कवायद के बावजूद आज भी गंगा में अभी भी 30 अनटैब्ड नालों से लगभग 12.365 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) गंदा पानी बिना शोधित किए ही गिर रहा है। हालांकि जिला प्रशासन द्वारा 11 टैब्ड नालों का लगभग 16.58 एमएलडी पानी शोषित करके ही गंगा में गिराया जा रहा है, बावजूद इसके अभी भी 12.365 एमएलडी गंदा पानी जिला प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है।
जनपद में उद्योगों और नगर से निकलने वाले गंदे पानी का निस्तारण आज भी गंगा में गिराकर ही किया जा रहा है, जो एक बड़ी समस्या बनी हुई है। जिले के 14 उद्योगों में ईटीपी स्थापित किया गया है, जिनमें नालों के द्वारा पानी को गंगा में निस्तारित किया जाता है। हालांकि जिला प्रशासन द्वारा इन क्षेत्रों में एक डेयरी उद्योग, पांच टैक्सटाइल उद्योग और दो स्लाटर हाउस को बंद कराया जा चुका है। वहीं दूसरी तरफ प्रयागराज में कुंभ मेले को देखते हुए जिलाधिकारी अनुराग पटेल द्वारा तीन माह के लिए उद्योगों को बंद करने का निर्देश दिया गया है । साथ ही प्रत्येक नालों पर गंदा पानी गिरने से रोकने और शोधन के लिए एई की ड्यूटी लगाया है। लेकिन इस समस्या का निस्तारण उद्योगों को बंद करना मात्र नहीं है। इसके लिए जिला प्रशासन, जल निगम और प्रदूषण नियंत्रण विभाग को कड़े कदम उठाने की जरूरत है
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गंगा व सहायक नदियों की निगरानी करेगी चार सदस्यीय टीम
कुंभ मेले तक गंगा में गंदा पानी गिराने वाले उद्योग को बंद करने का निर्देश जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने दिया है। पाबंदी जनवरी से मार्च महीने तक जारी रहेगी। गंगा व उसकी सहायक नदियों की निगरानी जिला स्तरीय अंतर विभागीय समिति की चार सदस्यीय टीम करेगी। समिति कार्ययोजना के अनुसार जन प्रदूषणकारी उद्योगों, सीईटीपी एवं एसटीपी के स्थलों का निरीक्षण करेगी। जिला स्तरीय समिति के निरीक्षणों का विवरण नियमित रूप से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आनलाइन वेबपोर्टल और पर्यावरण विभाग को उपलब्ध कराई जाएगी।
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नगर में निकलने वाले गंदे पानी को स्वच्छ करके प्रवाहित करने की योजना है। इसके लिए कोलकाता की कंपनी मैपल ओरिएटेड प्राइवेट कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। कंपनी द्वारा घोड़े शहीद स्थित नाले को साफ करके पानी गंगा में गिराने की कवायद शुरु कर दिया गया है, शेष पर काम भी शुरु हो रहा है।
- शशिकांत, गंगा प्रदूषण अधिकारी।
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गंगा स्वच्छता : एक नजर
जनपद में कुल नाले - 41
जनपद में निकलने वाला कुल गंदा पानी - 29.215 एमएलडी
गंगा में शोधित पानी गिराने वाले नाले - 11
गंगा में गिरने वाला शोधित पानी - 16.58 एमएलडी
जनपद में कुल अनटैब्ड नाले - 30
गंगा में गिरने वाला बिना शोधित गंदा पानी - 12.635 एमएलडी पानी