डीजे पर देर रात तक मस्ती, शोर से मासूमों, वृद्धजनों की उड़ रही नींद
नगर में इन दिनों शादी विवाह का मौसम पूरे शबाब पर है। विवाह समारोह के दौरान में सड़कों और मैरिज लानों में नियमों को ताक पर रखकर देर रात तक तेज आवाज में डीजे बज रहे हैं। इन डीजे ने आम जनमानस के रातों की नींद को उड़ा दिया है। सबसे ज्यादा परेशानी छोटे मासूम नौनिहालों और वृद्धजनों खासकर हार्ट के रोगियों को हो रही है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : नगर में इन दिनों शादी विवाह का मौसम पूरे शबाब पर है। विवाह समारोह के दौरान सड़कों और मैरिज लानों में नियमों को ताक पर रखकर देर रात तक तेज आवाज में डीजे बज रहे हैं। इन डीजे ने आम जनमानस के रातों की नींद को उड़ा दिया है। सबसे ज्यादा परेशानी छोटे मासूम नौनिहालों और वृद्धजनों खासकर हार्ट के रोगियों को हो रही है।
डीजे के धुन पर मस्ती करने वालों को शासन-प्रशासन द्वारा निर्धारित नियमों व ध्वनि की निर्धारित सीमा की चिता नहीं है। वहीं चंद रुपये कमाने के चक्कर में टेंट हाउस और डीजे संचालक भी ध्वनि प्रदूषण के लिए निर्धारित नियम-कानून को ताक में रख रहे हैं। नियम के अनुसार रात के दस बजे के बाद डीजे का प्रयोग वर्जित है, बावजूद इसके धड्ल्ले से देर रात तक तेज आवाज में डीजे का संचालन बदस्तूर जारी है। डीजे रोड लाइट बैंड वेलफेयर सोसाइटी के संरक्षक संतोष गोयल ने कहा कि इस संबंध में डीजे संचालकों से बातचीत कर डीजे संचालकों को ऐसा नहीं करने के लिए जागरूक किया जाएगा। सभी डीजे संचालक जनमानस की भावनाओं और सुविधाओं को ध्यान देंगे।
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वर्जन
नगर में रात 10 बजे के बाद तेज आवाज में डीजे संचालन पर रोक लगाने का निर्देश सभी थाना प्रभारियों को दिया गया है। 10 बजे के बाद डीजे संचालन करने वाले संचालकों पर एफआइआर दर्ज होगा। डीजे संचालक तेज आवाज में कदापि न बजाए। निर्धारित मानकों और अनुमन्य डेसिमल के अनुसार निर्धारित समय में ही डीजे बजाए।
- सुशील लाल श्रीवास्तव, नगर मजिस्ट्रेट, मीरजापुर।
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90 डीबी तक - मानव की सामान्य श्रवण क्षमता
90 डीबी से ज्यादा - मानव के लिए नुकसानदायक
113 डेसिबल तक - डीजे साउंड के ध्वनि की तीव्रता
08 घंटे से ज्यादा - 90 डीबी का शोर सुनना घातक