मंडलीय अस्पताल से समाप्त हो गईं बुखार, दर्द की दवाएं
मंडलीय चिकित्सालय में बुखार दर्द तथा कुत्ते का इंजेक्शन समेत अन्य जरुरी दवाए महीनों से समाप्त है। जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में दवाए नहीं मिलने पर मरीज बाहर से पैसा खर्च कर दवाए खरीदने के लिए मजबूर हैं।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : मंडलीय चिकित्सालय में बुखार, दर्द तथा कुत्ते का इंजेक्शन समेत अन्य जरुरी दवाएं महीनों से समाप्त है जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में दवाएं नहीं मिलने पर मरीज बाहर से पैसा खर्च कर दवाएं खरीदने के लिए मजबूर हैं। मरीजों का कहना है कि इस विपदा की घड़ी में भी दवाएं नहीं मिलना चिकित्सालय के लचर व्यवस्था को उजागर करता है।
देशभर में लॉकडाउन के चलते निजी चिकित्सालय बंद चल रहे हैं। वहीं नाम मात्र के मेडिकल खुले हैं। ऐसे में लोगों को सरकारी अस्पताल ही इलाज कराने का एक सहारा है। लेकिन जब यहां भी दवाएं समाप्त हो जाए तो मरीज दवाएं खरीदने कहा जाए। कुछ ऐसा ही आजकल मंडलीय चिकित्सालय का है। जहां पर सबसे जरूरी दवाएं बुखार व दर्द ही महीनों से समाप्त है। कुत्ते की सुई भी नहीं है। हार्ट की भी दवाएं नहीं मिल रही है। इसके अलावा आधा दर्जन अन्य दवाएं भी कई महीने से खत्म है। चिकित्सालय प्रशासन कंपनियों को दवा सप्लाई करने के लिए बार-बार पत्र लिख रहा है लेकिन कंपनियों के कान में जूं नहीं रेंग रहा है। ऐसे में चिकित्सालय आने वाले मरीज दवा नहीं मिलने के कारण परेशान है। बुधवार को बुखार की दवा लेने आए रामलखन, शिवराम, लालती और दर्द की दवा लेने आई शिवकुमारी, बबीता, निशा, विकास, आदि जब काउंटर पर गए तो बताया गया कि बुखार और दर्द की दवा नहीं है। पूछने पर बताया गया कि कई महीने से ये दवाएं नहीं आ रही है। यह सुन मरीज हैरान हो गए कि मंडलीय चिकित्सालय का जब यह हाल है तो अन्य अस्पताल की क्या स्थिति होगी। वर्जन
कुछ दवाएं समाप्त हो गई हैं जिनको सप्लाई करने के लिए कंपनियों को पत्र लिखा गया है लेकिन अभी तक उन्होंने दवाएं नहीं भेजी है।
--आलोक कुमार, प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक मंडलीय चिकित्सालय