महिला यात्री बनीं डॉक्टर, चलती ट्रेन में कराया प्रसव
चलती ट्रेन में महिला को प्रसव पीड़ा उठने की जानकारी होते कोच में बैठे अन्य यात्रियों ने महिला का पीड़ा देख परेशान हो गए। इस दौरान ट्रेन में कोई चिकित्सकीय व्यवस्था न मिलने के कारण प्रसव पीड़ा से महिला कराह रही थीं।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : चलती ट्रेन में महिला को प्रसव पीड़ा उठने की जानकारी होने पर कोच में बैठे अन्य यात्री परेशान हो गए। इस दौरान ट्रेन में कोई चिकित्सकीय व्यवस्था न मिलने पर प्रसव पीड़ा से महिला कराह रही थी। यह देख चलती ट्रेन में यात्रा कर रहीं महिलाएं आगे आईं और डाक्टर व नर्स का काम खुद संभाल लिया। महिलाओं ने बड़े ही सावधानी से उस गर्भवती महिला का सफल प्रसव कराया। कुछ ही क्षण में एक सुंदर बच्चे की किलकारियों से यात्रियों में खुशी की लहर दौड़ गई। हालांकि कंट्रोल रूम की सूचना पर मीरजापुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के पहुंचते ही रेलवे चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी बोगी में पहुंचे और जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें स्वस्थ बताया। इस दौरान ट्रेन प्लेटफार्म एक पर लगभग एक घंटे से अधिक देर तक खड़ी रही।
दानापुर निवासी फखरुद्दीन अपनी पत्नी नूरजहां के साथ मुंबई से पुणे-दानापुर पुणे एक्सप्रेस के कोच संख्या 14 के बर्थ नंबर 55 पर सवार होकर वापस अपने घर जा रहे थे। सोमवार को देर शाम ट्रेन छिवकी स्टेशन के आगे बढ़ी तो गर्भवती नूरजहां प्रसव पीड़ा से कराहने लगी। इसकी जानकारी होते ही ट्रेन में अन्य सवारियों ने इसकी सूचना टीटी को दी। टीटी ने कंट्रोल रूम को सूचित किया। कंट्रोल रूम ने तत्काल इसकी सूचना मीरजापुर रेलवे स्टेशन के एसएस कार्यालय को देते हुए महिला को चिकित्सकीय व्यवस्था दिलाने का निर्देश दिया। इस पर डिप्टी एसएस बसंत कुमार सिंह व टीटी एसजेड अब्बास ने इसकी सूचना रेलवे चिकित्सक को दी। अभी ट्रेन विध्याचल स्टेशन भी नहीं पहुंची थी कि महिला का दर्द बढ़ने पर उसका पति फखरुद्दीन परेशान हो गया। इसी बीच कोच में सवार महिलाएं व कुछ युवतियां खुद डाक्टर व नर्स का काम संभाल लीं और महिला को प्रसव कराने में जुट गईं। थोड़ी देर में महिला ने एक सुंदर बच्चे को जन्म दिया। यह देख ट्रेन की बोगी में सवाल अन्य यात्री खुश हो गए और उन महिलाओं को शाबाशी देते हुए परिजनों को बधाई देने लगे। जब ट्रेन मीरजापुर पहुंची तो रेलवे चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी मौके पर तैनात थे और कोच में जच्चा व बच्चा को देखा और स्वस्थ बताते हुए एंबुलेंस से जिला महिला चिकित्सालय भेजने की बात कही। यह सुन दंपती ने अस्पताल जाने से इन्कार कर दिया। इस दौरान चिकित्सक ने पूरी तरह जांच-पड़ताल करने के साथ ट्रेन से आगे जाने के लिए निर्देश देते हुए अगले स्टेशन पर चिकित्सक को सूचित कर दिया।