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जिला चिकित्सालय में कम हो गए 50 फीसद मरीज

कोरोना बीमारी का लोगों में इतना खौफ पैदा हो गया है कि अधिकांश लोग अस्पताल जाना छोड़ दिए हैं। जिससे मंडल के जिला चिकित्सालयों में 50 प्रतिशत मरीजों में कमी आई है। जो अधिक बीमार है या फिर सड़क हादसे समेत अन्य कारणों से घायल हो रहे हैं

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2020 08:49 PM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2020 10:53 PM (IST)
जिला चिकित्सालय में कम हो गए 50 फीसद मरीज
जिला चिकित्सालय में कम हो गए 50 फीसद मरीज

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : कोरोना बीमारी का लोगों में इतना खौफ पैदा हो गया है कि अधिकांश लोग अस्पताल जाना छोड़ दिए हैं। जिससे मंडल के जिला चिकित्सालयों में 50 प्रतिशत मरीजों में कमी आई है। जो अधिक बीमार या सड़क हादसे समेत अन्य कारणों से घायल हो रहे हैं, केवल वहीं मरीज इलाज कराने आ रहे हैं। भीड़भाड़ कम होने पर डॉक्टर के अलावा अन्य कर्मचारियों ने भी राहत की सांस ली है।

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विध्याचल मंडल के मीरजापुर जिला चिकित्सालय में प्रतिदिन 1800 मरीज इलाज कराने आते थे। कभी-कभी तो इनकी संख्या दो हजार तक पहुंच जाती थी जिसमें बच्चे, बूढ़े और महिला मरीज शामिल हैं। इससे चिकित्सालय में काफी भीड़ लग जाती थी। पर्ची कटवाने से लेकर दवा काउंटर तक मरीजों की लंबी लाइन देखने को मिलती थी। यहीं नहीं डाक्टरों के ओपीडी कक्ष में सैंकड़ों मरीज इकट्ठा रहते थे। लेकिन जब से कोरोना बीमारी फैली है, तभी से लोगों में डर पैदा हो गया हैं कि चिकित्सालय में आने पर वे लोग भी इस रोग की चपेट में आए जाएंगे। इसलिए थोड़ा बहुत तबीयत खराब होने पर वे निजी चिकित्सक या फिर अप्रशिक्षित डॉक्टरों के यहां से दवा ले ले रहे हैं। वर्तमान समय में मंडलीय चिकित्सालय में 900 से एक हजार मरीज ही चिकित्सालय आ रहे हैं। यहीं हाल सोनभद्र के जिला चिकित्सालय का है। यहां के जिला चिकित्सालय में प्रतिदिन लगभग एक हजार मरीज आते थे लेकिन वर्तमान समय में 500 मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं। वहीं भदोही जनपद के भी चिकित्सालय में मरीजों के आने में कमी हुई है। फोटो 15-- रोडवेज पर पसरा सन्नाटा

मीरजापुर : कोरोना बीमारी का असर अब हर क्षेत्र में दिखने लगा है। यहीं कारण है कि रोडवेज, रेलवे स्टेशन, निजी बस स्टैंड पर सन्नाटा पसरा दिखाई दे रहा है। हालांकि शासन के निर्देश पर बुधवार को मॉल या सिनेमा घर बंद रहे लेकिन रोडवेज व रेलवे स्टेशन पर भी भीड़ भाड़ देखने को नहीं मिला। अधिकांश बसे खाली जाते हुए दिखाई दी।

जनपद में एक भी मरीज कोरोना रोग से ग्रसित नहीं पाया गया है। बावजूद इसके उसका डर लोगों को सताने लगा है। यहीं कारण है लोगों ने अपने घरों से निकलना बंद कर दिया है। बाजार भी वहीं लोग निकल रहे हैं जिनको बहुत जरुरी कार्य है। अन्यथा अधिकांश लोग अब अपने घर में ही रहना पसंद कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब इसका कोई इलाज नहीं है तो सावधानी बरतना ही अपने आपको बचाकर रखना है। बुधवार को रोडवेज परिसर में सन्नाटा पसरा रहा। इक्का दुक्का लोग परिसर में बस पकड़ने के लिए आए हुए थे। यात्री विवेक कुमार से उनके यात्रा के बारे में पूछा गया तो बताया कि उन्हें प्रयागराज आना अतिआवश्यक है। क्योंकि उनका कोई रिश्तेदार वहां के एक चिकित्सालय में घायल होकर भर्ती है। जिसको देखने और रुपये पहुंचाने जा रहे हैं।

वर्जन

कोरोना रोग के चलते अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है। जैसे ही यह बीमारी खत्म होगी तो इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी हो जाएगी।

-डा. आरके शुक्ला अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विध्याचल मंडल


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