आकाश में घुमड़ते बादलों को देखकर किसान चितित
एक पखवारे से आकाश में उमड़ते घुमड़ते बादल एवं मौसम की नरमाहट के चलते किसानों की चिता बढ़ती जा रही है। खेतों में तैयार धान की फसल खराब मौसम के चलते जहां खेतों में सड़ रही है। वहीं रबी की अगैती में बोई जाने फसल चना मटर मसूर सरसो एवं आलू की बुवाई पूरी तरह से बाधित हो गई है।
जासं, बरौंधा (मीरजापुर) : एक पखवारे से आकाश में उमड़ते घुमड़ते बादल एवं मौसम की नरमाहट के चलते किसानों की चिता बढ़ती जा रही है। खेतों में तैयार धान की फसल खराब मौसम के चलते जहां खेतों में सड़ रही है। वहीं रबी की अगेती में बोई जाने फसल चना, मटर, मसूर, सरसो एवं आलू की बुवाई पूरी तरह से बाधित हो गई है। मौसम की बेरुखी देख किसानों की घबराहट बढ़ती जा रही है। अगर यही स्थित बनी रही तो गेहूं के अलावा रबी की कोई भी फसल खेतों में नहीं लग पायेगी।
क्षेत्र के किसानों का अपरमित दुर्भाग्य रहा कि समय से बरसात न होने के कारण अधिकांश खेत परती पड़ा रहा, अब खेतों में पानी भरा होने के चलते किसानों का होश उड़ता जा रहा है। विन्ध्य किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद शेखर गिरि ने कहा कि क्षेत्र का किसान कभीं अवर्षण तो कभीं बाढ़ व प्रकृति की मार से त्रस्त हो चुके हैं। किसानों के हित में सरकार की ओर संचालित फसल सुरक्षा, बीमा योजना पूरी तरह से छलावा साबित हो रही है।श्री गिरि ने कहा कि चाहे सहकारी समिति हो अथवा बैंक किसानों के ॠण लेने से पहले ही बीमा की राशि ले ली जाती है किन्तु इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है।