Move to Jagran APP

गुलाब की खेती से मालामाल हो रहे किसान

क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में फूलों की खेती से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। एक बीघे फूल की खेती से प्रतिवर्ष 50 हजार तक की कमाई करने वाले किसान अब गुलदाउदी, गेंदा और चमेली, श्रीकांती जैसी महंगे फूलों की खेती भी करने लगे हैं जिसकी मांग में लगातार इजाफा हो रहा है। इससे प्रभावित होकर पारंपरिक धान, गेहूं की खेती करने वाले किसान भी अब फूलों की खेती करना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 09:40 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 11:46 PM (IST)
गुलाब की खेती से मालामाल हो रहे किसान
गुलाब की खेती से मालामाल हो रहे किसान

जागरण संवाददाता, अदलहाट (मीरजापुर) : क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में फूलों की खेती से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। एक बीघे फूल की खेती से प्रतिवर्ष 50 हजार तक की कमाई करने वाले किसान अब गुलदाउदी, गेंदा और चमेली, श्रीकांती जैसी महंगे फूलों की खेती भी करने लगे हैं जिसकी मांग में लगातार इजाफा हो रहा है। इससे प्रभावित होकर पारंपरिक धान, गेहूं की खेती करने वाले किसान भी अब फूलों की खेती करना शुरू कर दिया है।

loksabha election banner

खेती में हो रहे नित नए प्रयोग किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है। ग्रामीण अंचल में प्रगतिशील किसान अब पारंपरिक खेती के अलावा व्यवसायिक खेती भी कर रहे हैं। इसमें फूलों की खेती करना किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रहा है। अदलहाट थाना क्षेत्र के बरी-जीवनपुर गांव के किसान राजमणि मौर्य ने ढाई बीघे खेत में गुलाब, गुलदाउदी, श्रीकांती, गेंदा, कुंद सहित कई अन्य फूलों की खेती की है। राजमणि ने बताया कि एक बीघे फूल की खेती में प्रतिवर्ष 40 से 50 हजार रुपये तक का आय हो रही है। किसानों ने कहा कि खेत की जोताई, निराई, उर्वरक, फूलों को तोड़ने एवं अन्य खर्च को मिलाकर तीस हजार रुपये प्रतिवर्ष का खर्च आता है। खेती के फूलों की बिक्री से खर्च काटकर 40 से 50 हजार रुपये की आमदनी हो जाती है। बाजार की मंदी का असर नहीं

किसानों ने बताया कि बाजार की मंदी का असर फूलों पर कम ही पड़ता है। वहीं शादियों के सीजन में फूलों की मांग कई गुना बढ़ जाती है और किसी डेट पर तो फूलों की पूर्ति कर पाना मुश्किल हो जाता है। फूलों को मंडी के अलावा सजावट करने वाले निजी ठेकेदार भी खरीदकर ले जाते हैं, जो किसानों को खेत पर ही अच्छा दाम देते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.