अक्षत रूपी प्रसाद का दाना ग्रहण कर घर को लौटे आस्थावान
जागरण संवाददाता अहरौरा (मीरजापुर) मनरी की थाप और चिघाड़ की गूंज ने चौरी के चारों
जागरण संवाददाता, अहरौरा (मीरजापुर) : मनरी की थाप और चिघाड़ की गूंज ने चौरी के चारों ओर फैले आस्थावान भक्तों की तंद्रा भंग की, बाबा की चौरी की महाआरती देख महिला और पुरुष भक्तों के नयन सजल हो गए। आरती संपन्न होते ही टकटकी लगाए भक्तों के आंखों से अश्रुधारा निकल पड़ी। खुले आसमान के नीचे पूरी रात गुजार कर भक्तों ने प्रसाद रूपी अक्षत का दाना प्राप्त करने के बाद अपने गंतव्य की ओर निकल पड़े।
बुधवार की भोर में पुजारी पटपर नदी से दो किलोमीटर लंबी दौड़ लगाते हुए बाबा की चौरी पर पहुंचते हैं। उनके वहां पहुंचते ही मनरी नामक वाद्य यंत्र बजना शुरू हो जाता है। इसी बीच तीन किलोमीटर दूर तक फैले भक्तों की भीड़ चौरी की ओर बढ़नी शुरू हो गई। हजारों भक्तों की निगाहें बाबा की चौरी की ओर टिक गई। अंतरप्रांतीय स्तर पर जंगल व तीन ओर से पहाड़ों से घिरे मेला का समापन मनरी बजने के साथ संपन्न हो गया। बाबा की चौरी पर तीन दिनों तक संतान प्राप्ति भूत-प्रेत बाधाओं के निवारण व असाध्य रोगों से ग्रसित भक्तों ने निवारण हेतु मत्था टेका।
नहीं लगा टेंट-तंबू, खुले आसमान के नीचे गुजारी पूरी रात
तीन दिवसीय अंतरप्रांतीय मेले में प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं किए जाने से भक्तों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। मेला में कहीं भी टेंट-तंबू भी नहीं लग सका जिसके चलते उन्हें खुले आसमान के नीचे पूरी रात भक्तों को गुजारनी पड़ी। वहीं रात के अंधेरे में प्रकाश का भी मुकम्मल प्रबंध नहीं किया गया था जिसका खामियाजा श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ा।