विद्यालय की घंटी बजते ही धमाकों की गूंज, सहमे बच्चे
विद्यालय में पत्थर गिरने के बाद डरे-सहमे बच्चे किसी तरह गुरुवार को विद्यालय पहुंचे। जहां शिक्षण कार्य के दौरान ब्लास्टिग तो नहीं हुई लेकिन जैसे ही विद्यालय में छुट्टी की घंटी बजी उसी दौरान पहाड़ों पर धामकों की गूंज सुनाई देने लगी। पत्थर गिरने की घटना के बाद बच्चों में डर का माहौल घर गया तो वहीं गुरुवार को अधिकांश बच्चे विद्यालय में पढ़ने ही नहीं आए।
जागरण संवाददाता, अहरौरा (मीरजापुर) : विद्यालय में पत्थर गिरने के बाद डरे-सहमे बच्चे किसी तरह गुरुवार को विद्यालय पहुंचे। जहां शिक्षण कार्य के दौरान ब्लास्टिग तो नहीं हुई लेकिन जैसे ही विद्यालय में छुट्टी की घंटी बजी, उसी दौरान पहाड़ों पर धामकों की गूंज सुनाई देने लगी। पत्थर गिरने की घटना के बाद बच्चों में डर का माहौल घर गया तो वहीं गुरुवार को अधिकांश बच्चे विद्यालय में पढ़ने ही नहीं आए।
अहरौरा जमुई मुख्य मार्ग पर स्थित भगौती देई से लेकर सोनपुर तक पड़ने वाले विद्यालयों की स्थिति ब्लास्टिग को लेकर काफी भयावह बनी हुई है। इन स्कूलों से सटे हुए पहाड़ो पर दिन रात धड़ल्ले से मानक को ताक पर रखकर अवैध रूप से ब्लास्टिग की जा रही है।जिससे विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे काफी भयभीत रहते हैं। खनन विभाग ने विद्यालय के शिक्षण कार्य के दौरान ब्लास्टिग के समय सारिणी में परिवर्तन तो कर दिया है। लेकिन बच्चो के अंदर डर का माहौल कम होने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को विद्यालय की छुट्टी के बाद बच्चे घर निकल ही रहे थे कि तभी ताबड़तोड़ ब्लास्टिग स्कूली बच्चों को डराना शुरू कर दिया। भगौती डेई द्वितीय प्राथमिक विद्यालय के छात्र राम अवध,सोहन,शहबान शाह ने बताया कि वहा के विद्यालय से सटी हुई पहाड़ियों पर छुट्टी की घंटी बजते ही धमाका होना शुरू हो जाता है, घर से विद्यालय आने में उन्हें तो परेशानी नहीं होती है लेकिन घर पहुंचने में वह डरते रहते हैं। पहले तो शिक्षण कार्य के दौरान ही ब्लास्टिग से डर बना रहता था। वही चकजाता विद्यालय के शुभम,प्रिस ने बताया कि गुरुवार को एक बजे से लेकर तीन बजे तक ब्लास्टिग की आवाज नहीं सुनाई दिया लेकिन छुट्टी की घंटी बजते ही ब्लास्टिग होना शुरू हो गया।
मानक के विपरित हो रही ब्लास्टिग
क्षेत्र के खनन इलाके सोनपुर, भगौती डेई, जिगना, लालपुर, डकही, धुरिया, बगहिया, रामपुर ढबही के पहाड़ो में खननकर्ता हैवी डीप होल करके ब्लास्टिग कर रहे हैं। हैवी डीप ड्रील होल से की जा रही ब्लास्टिग से ग्रामीण भी सहमे हुए है। ग्रामीणों ने ब्लास्टिग से इलाके को बचाने की गुहार लगाई है। ब्लास्टिग से जलस्तर तो खिसकेगा ही,आस-पास के मकानो को भी खतरा है। खनन महकमा तो हैवी ब्लास्टिग के जरिए खनन कार्य नहीं किए जाने का दिखावा कर रहे है लेकिन पहाड़ो पर धमाकों की गूंज ग्रामीणों को सहमा दे रही है। जबकि डीजीएमएस द्वारा क्षेत्र के खदानों में हैवी डीप होल से ब्लास्टिग पर अनुमति ही नहीं दी जाती है।